दक्षिण एशियाई देशों के बीच भारत का शांति संदेश लेकर जा रहे साउथ एशिया सैटलाइट को अंतरिक्ष में छोड़ने के लिए काउंट डाउन शुरू हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण एशिया के पड़ोसी देशों की ज़रूरतों के लिए एक साझा उपग्रह की ज़रूरत बताई थी और भारत की ओर से सबको तोहफ़े के तौर पर एक उपग्रह देने की बात कही थी. भारत अब उस पर अमल करने जा रहा है. भारत के इस कदम को चीन की स्पेस डिप्लोमेसी के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है. खास बात ये है कि पाकिस्तान इस प्रोजेक्ट का हिस्सा नहीं है.