भारत में रह रहे सैंकड़ों अफगानी शरणार्थी रोजाना अब अलग-अलग दूतावास के बाहर खड़े होते हैं. इसमें कभी अमेरिका दूतावास, कभी आस्ट्रेलिया दूतावास तो कभी कनाडा दूतावास, इस उम्मीद में कि वो देश इन्हें अपने यहां शरणार्थी का दर्जा दे दे. साथ में यहां पर वो महिलाएं भी आती हैं, जिनके पति कभी अफगानी फौज में शामिल थे, जिन्हें कभी तालिबानियों ने मार दिया.