जम्मू-कश्मीर में आतंकी फंडिंग के मामले में 11 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है, लेकिन यहां पर कई ऐसे लोग हैं, जिन्हें कुछ नहीं बताया गया और उन्होंने दावा किया कि उन पर जो कार्रवाई हुई है वो सही नहीं है. बर्खास्त किए जाने वाले कर्मचारियों में मोस्ट वांटेड आतंकी सैयद सलाउद्दीन के दो बेटे भी शामिल हैं. संदिग्ध मॉड्यूल का पता लगाने के लिए एनआईए ने ताबड़तोड़ छापेमारी की. उस कानून का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें नोटिस देने या किसी तरह की जानकारी देने की जरूरत नहीं होती है. देखिए नजीर मसूदी की ये रिपोर्ट...