बनारस में पेंटिंग्स की एक अनोखी प्रदर्शनी लगी. इन्हें बनाने वाली सभी घरेलू महिलाएं हैं जिन्होंने पेंटिंग की कोई ट्रेनिंग नहीं ली. बस शौक़ और जज़्बे के सहारे अपनी ज़िंदगी के तजुर्बों को कैनवास पर उतारा. इनमें वो भी हैं जिन्हे दहेज उत्पीड़न में अपनी दोनों पैर गवां दिए हैं और वो भी हैं जिनके दोनों पैरों पर ट्रैक्टर चढ़ गया था और बिस्तर पर ही अपने हुनर को परवान चठाया. इन महिलाओं की पेंटिंग का बीएचयू की कला वीथिका में प्रदर्शनी लगी तो लोग इस अभिब्यक्ति को देख कर भाव विभोर हो रहे थे.