30 साल के सुनील हर्षाना से मिलिए, वो साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं, दिव्यांग हैं, पढ़ाई-लिखाई ज्यादा नहीं हुई, लेकिन वो अरावली की पहाड़ियों और मांगर के जंगलों को बचाने के लिए अनोखी मुहिम चला रहे हैं. अवैध खनन का शिकार रहे इस भूभाग को लेकर हर्षाना ने शोध किया है, और अब वो अरावली की इन पहाड़ियों पर 'अरावली वॉक' की मुहिम चला रहे हैं और जागरूकता फैला रहे हैं. इस वॉक पर कोई भी आ सकता है, खासकर दिल्ली, गुरुग्राम और फरीदाबाद के लोगों के लिए काफी अहम है.