चेन्नई में 17 मंजिला रिहायशी इमारत तकरीबन तीन सौ परिवारों का आशियाना टुकडों में गिर रही है. लोगों का कहना है कि उन्होंने 2016 में अपनी जिंदगी भर की जमापूंजी को इन घरों में लगाया था. लेकिन महज एक साल के बाद ही खंभों और बीमों में दरारें नजर आने लगी है.