2009 के बाद पहली बार दुनिया के बाज़ार में कच्चे तेल की कीमत 50 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गई है, छह महीना पहले जून 2014 में इसकी कीमत 115 डॉलर प्रति बैरल थी। तेल की खपत के मामले में दुनिया में अमरीका और चीन अव्वल हैं। चीन की अर्थव्यवस्था की रफ्तार स्लो हो गई है। अमरीका सऊदी अरब जैसे ओपेक मुल्कों से लाखों बैरल तेल कम ले रहा है। उसने अपने यहां तेल का उत्पादन बढ़ा दिया है। पत्थरों के बीच से तेल का उत्पादन बढ़ा दिया है जिसे आप शेल आयल कहते हैं। इसके बाद भी तेल उत्पादक देशों ने तेल का उत्पादन कम नहीं किया है।