प्रकाशित: अगस्त 20, 2023 08:11 PM IST | अवधि: 3:58
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कुछ घरों और इलाकों में अपशब्द और गालियां आम बोलचाल में घुल-मिल चुकी हैं. कुछ इतनी घुली-मिली हैं कि ये सामाजिक तानेबाने में बिना शब्दों के सही मतलब को समझे इस्तेमाल कर ली जाती हैं. इसी को बंद कराने की मुहिम शुरू हुई है.