CAA लागू होने के बाद West Bengal में किस पार्टी की तरफ शिफ्ट होगा वोट बैंक? | Lok Sabha Elections
प्रकाशित: अप्रैल 12, 2024 09:35 PM IST | अवधि: 4:11
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राजनीतिक विश्लेषक अमिताभ तिवारी ने बताया कि बंगाल में राजनीति परंपरागत रूप से congress और CPM की रही है. ध्रुवीकरण का पिछले दो चुनावों में असर रहा है, क्योंकि बंगाल में जातिगत राजनीति ज्यादा नहीं होती. वहां socio economic class base राजनीति होती है. गरीब और अमीर की राजनीति होती है. वहां पर मुस्लिम जनसंख्या 30 फीसदी है. यह भारत के मुस्लिम जनसंख्या का दोगुना है. भाजपा हिंदू बनाम मुस्लिम करने में कामयाब रही है. कांग्रेस और लेफ्ट के हिंदू वोट भी भाजपा को ट्रांसफर कर दिया है. वहीं इनके मुस्लिम वोट टीएमसी में ट्रांसफर हो गए. अब सीएए के बाद देखना होगा कि इसका क्या असर होता है.