धराली के तिनके-तिनके में जिंदगी तलाश रहे जवान, सैलाब में दफन धराली में एक-एक पत्थर हटाने में जुटे

Uttarkashi Cloudburst Rescue Operation: हादसे में जिन लोगों के परिजन लापता हैं, वो लोग इस उम्मीद में हैं कि कुछ खुशखबरी मिलेगी और उनके अपने मलबे से जिंदा बाहर आएंगे.

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रेस्क्यू ऑपरेशन से परिजनों को उम्मीद
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  • एनडीआरएफ और आईटीबीपी के जवान इस मलबे के ढेर में जिंदगी तलाश रहे
  • धराली आपदा के बाद अब तक 150 लोगों को बचाया गया
  • अभी तक 5 लोगों की मौत, 50 के करीब लोग लापता बताए जा रहे हैं
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नई दिल्ली:

Uttarkashi Cloudburst: उत्तरकाशी के थराली में बादल फटने के बाद तबाही का मंजर दिख रहा है, उत्तराखंड के इस खूबसूरत इलाके में फिलहाल सब कुछ बदसूरत दिख रहा है. पूरे थराली बाजार में मलबे का ढेर है और कई फीट ऊंचाई तक फैले इस मलबे में 50 से ज्यादा लोग दबे हुए हैं. फिलहाल सेना, एनडीआरएफ और आईटीबीपी के जवान इस मलबे के ढेर में जिंदगी तलाश रहे हैं. इस उम्मीद में हर छोटा-बड़ा पत्थर उठाया जा रहा है कि किसी की सांस रुकने से बच जाए. 

मलबे से लोगों को निकालने की कोशिश

उत्तरकाशी से कई ऐसे वीडियो सामने आ रहे हैं, जिसमें रेस्क्यू ऑपरेशन करते हुए जवानों को देखा जा सकता है. बादल फटने के बाद हजारों फीट की ऊंचाई से जो मलबा और पत्थर आया, वो पूरे धराली में फैल गया. इस मलबे के पहाड़ में दबे किसी भी इंसान को बचाना इतना आसान नहीं है, यही वजह है कि इसके लिए तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. फिलहाल किसी भी शव को मलबे से बाहर निकालने की जानकारी नहीं मिली है. 

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हर तरफ जिंदगी की तलाश 

सेना और बाकी बलों के जवान श्मशान बन चुके हिस्से में सिर्फ और सिर्फ जिंदगी तलाश रहे हैं. हर तिनका और इलाके का हिस्सा छाना जा रहा है, जिससे किसी तरह उन लोगों तक पहुंचा जाए, जिनकी शायद अभी तक कुछ सांसें बची हों. कई जगह रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए बड़ी मशीनें या जेसीबी नहीं पहुंच पाया है, क्योंकि मलबा इतना भर चुका है कि कोई भी वाहन आगे लेकर जाना मुमकिन नहीं है. यही वजह है कि जवान अपने हाथों से पत्थरों को उठाकर और मलबे को हटाकर लोगों की तलाश कर रहे हैं. 

परिजनों की उम्मीद जिंदा

इस हादसे में जिन लोगों के अपने लापता हैं, वो भी एक टक लगाकर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे जवानों की तरफ देख रहे हैं. हर किसी को उम्मीद है कि उनके अपने इस मलबे से बाहर निकलेंगे और वो एक बार फिर उनसे बात करेंगे. हालांकि जैसे-जैसे वक्त गुजर रहा है, कुछ लोगों की उम्मीदों का बांध भी टूटता दिख रहा है. फिलहाल लोगों का हौसला बढ़ाने और रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी के लिए राज्य के मुखिया पुष्कर सिंह धामी भी मौके पर मौजूद हैं. 

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