उत्तराखंड : होटलों के लिए एडवाइजरी जारी, स्टाफ का होगा सत्यापन, व्यवसायिक संस्थानों के किचन में लगेंगे CCTV

उत्तराखंड (Uttarakhand) में खाने-पीने की सामग्री में थूकने की घटनाओं के सामने आने के बाद राज्‍य सरकार ने सख्‍त रुख अपनाया है. ऐसे कामों को अंजाम देने वाले लोगों से अब सख्‍ती से निपटा जाएगा.

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मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी के निर्देशों के बाद उत्तराखंड पुलिस ने निर्देश जारी किए हैं. (फाइल फोटो)
देहरादून:

उत्तराखंड (Uttarakhand) में पिछले दिनों खाने-पीने की सामग्री में थूकने के मामले सामने आए थे. इस तरह के मामलों पर राज्‍य सरकार ने सख्‍त रुख अपनाया है. मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी के निर्देशों के बाद अब उत्तराखंड पुलिस (Uttarakhand Police) ने इसे लेकर निर्देश जारी किए हैं.  कार्यवाहक डीजीपी अभिनव कुमार की ओर से यह निर्देश जारी किए गए हैं, जिसमें ऐसे कामों को अंजाम देने वाले लोगों से सख्‍ती से निपटा जाएगा. होटलों के लिए जारी एडवाइजरी में स्‍टाफ का सत्‍यापन और व्‍यावसायिक संस्‍थानों के किचन में सीसीटीवी लगाने के निर्देश दिए गए हैं. 

पुलिस मुख्‍यालय ने होटल ढाबा व्यावसायिक संस्थानों में कार्य व्यक्तियों का 100 फीसदी सत्‍यापन कराने का निर्देश दिया है. साथ ही कहा है कि व्यवसायिक संस्थानों में रसोई घरों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं. साथ ही पुलिस को निर्देश दिया गया है कि खुले स्थानों में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए इंटेलिजेंस टीमों की मदद ली जाए. साथ ही पुलिस को गश्‍त और पेट्रोलिंग के समय विशेष ध्यान रखने का भी निर्देश दिया गया है. 

होटल-ढाबाें की होगी रैंडम चेकिंग

साथ ही पुलिस मुख्‍यालय की ओर से आवश्यक अनुसार स्वास्थ्य एवं खाद्य विभाग से संपर्क कर होटल ढाबा और व्यावसायिक संस्थानों में रैंडम चेकिंग की व्‍यवस्‍था के भी निर्देश दिए गए हैं. 

निर्देशों में कहा गया है कि इस प्रकार की गतिविधि पाए जाने पर भारतीय न्‍याय संहिता की धारा 274 और उत्तराखंड पुलिस एक्ट की धारा 81 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया जाए. 

जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश

इस बात का भी निर्देश दिया गया है कि यदि इस प्रकार की घटनाओं से धार्मिक, मूलवंशीय या भाषायी भावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है तो भारतीय न्‍याय संहिता की धारा 196 (1) या 299 के अंतर्गत कार्रवाई की जाए. 

साथ ही स्वास्थ्य एवं खाद्य विभाग, नगर निगम, जिला पंचायत, नगर परिषदों और स्थानीय व्यक्तियों से समन्वय कर जन जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं. 

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