- ऋषिकेश में दीपावली मेले के लिए मिस ऋषिकेश ऑडिशन में युवतियों को वेस्टर्न कपड़ों में रैंप वॉक कराया गया था.
- हिंदू संगठनों ने इस कार्यक्रम में वेस्टर्न परिधान को अश्लीलता फैलाने वाला बताया और ऑडिशन बंद करने की मांग की.
- विरोध के दौरान युवतियों और हिंदू संगठनों के बीच नोकझोंक हुई, जो बाद में हाथापाई तक पहुंच गई.
उत्तराखंड की देवभूमि ऋषिकेश में दीपावली मेले के लिए चल रहे 'मिस ऋषिकेश' ऑडिशन को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया. देहरादून मार्ग स्थित एक होटल में वेस्टर्न परिधान में युवतियों को रैंप वॉक कराने पर हिंदू संगठनों ने कड़ा विरोध जताया, जिसके बाद देखते ही देखते मामला तीखी नोकझोंक और हंगामे में बदल गया.
लायन्स क्लब ऋषिकेश रॉयल द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की सूचना मिलते ही हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता होटल पहुंचे. हिंदू संगठनों के प्रदेश अध्यक्ष राघवेंद्र भटनागर ने रैंप वॉक में युवतियों के वेस्टर्न कपड़ों पर अश्लीलता फैलाने का आरोप लगाया और ऑडिशन बंद करने की मांग की.
विरोध के दौरान हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने युवतियों को 'सभ्यता और परिधान में रहने' की नसीहत दी और वेस्टर्न कल्चर का विरोध किया. इस पर युवतियां भड़क उठीं और रैंप वॉक को लेकर हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं से नोकझोंक शुरू कर दी. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में युवतियां अपने परिधान के पक्ष में जवाब देती हुई नजर आ रही हैं.
मामला इतना बढ़ गया कि कुछ देर के लिए हिंदू संगठन और क्लब के सदस्यों के बीच हाथापाई की नौबत आ गई. सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंची और काफी देर तक चली तीखी नोकझोंक के बाद किसी तरह मामले को शांत कराया गया.
हिंदू संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राघवेंद्र भटनागर ने कहा कि ऋषिकेश को देवभूमि का दर्जा प्राप्त है और सनातन सभ्यता महिलाओं को लज्जा में रहना सिखाती है. उन्होंने तर्क दिया कि ऐसे वस्त्र पहनकर प्रदर्शन करने से अन्य युवतियों पर गलत प्रभाव पड़ेगा. लायन्स क्लब ऋषिकेश रॉयल के अध्यक्ष पंकज चंदानी ने कहा कि क्लब ऐसा कोई कार्य नहीं करेगा जिससे देवभूमि की छवि धूमिल हो. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सभी युवतियां बालिग हैं और वे अपना परिधान स्वयं चुनती हैं.