48 घंटे से ज्यादा का रेस्क्यू, अभी भी लापता है एक मजदूर, पढ़ें माणा एवलांच की हर अपडेट

खराब मौसम होने के कारण बचाव अभियान को फिलहाल के लिए रोक दिया गया है लेकिन जल्द ही इसे दोबारा शुरू किया जाएगा और बाकि बचे 2 मजदूरों को ढूंढने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जाएगा.

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शुक्रवार सुबह आया था बर्फीला तूफान.
देहरादून:

उत्तराखंड के चमोली के माणा गांव के पास शुक्रवार को आए बर्फीले तूफान की चपेट में आए सड़क निर्माण में जुटे 54 मजदूरों में से 53 को बाहर निकाल गिया है. इनमें से 8 की मौत हो गई है लेकिन अभी भी एक मजदूर यहीं फंसा हुआ है और उसे तलाशने की कोशिश जारी है. इसी बीच मिली जानकारी के मुताबिक एवलांच में फंसे एक मजदूर की तलाश के लिए SDRF की एक टीम विक्टिम लोकेटिंग और थर्मल इमेज कैमरा का इस्तेमाल कर रही है. इन उपकरणों (विक्टिम लोकेटिंग कैमरा (V.L.C) एवं थर्मल इमेज कैमरा) की सहायता से सर्चिंग का कार्य किया जाएगा.

कंट्रोल रूम पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी

सीएम पुष्कर सिंह धामी आपदा कंट्रोल रूम पहुंच गए हैं. वह यहां से माणा रेस्क्यू की जानकारी लेते रहेंगे. बता दें कि अभी भी वहां 3 श्रमिक फंसे हुए हैं, जिन्हें ढूंढने की कोशिश जारी है. 

सुबह 10 बजे आपदा कंट्रोल रूम जाएंगे सीएम पुष्कर सिंह धामी

यहां आपको ये भी बता दें कि सीएम पुष्कर सिंह धामी आज सुबह 10 बजे आईटी पार्क स्थित आपदा कंट्रोल रूम जाएंगे और यहां से माणा रेस्क्यू की जानकारी लेंगे. अभी भी बर्फ में 2 लोग लापता हैं, जिन्हें ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है. 

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अभी भी फंसा है एक श्रमिक

बता दें कि 8 शव बरामद किए गए हैं और एक श्रमिक अभी भी फंसा हुआ है. बाकी सभी को बचा लिया गया है और वे चिकित्सा देखभाल में हैं. उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) की अपडेट के मुताबिक एक लापता मजदूर अपने आप ही सुरक्षित घर पहुंच गया. जानकारी के मुताबिक हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में रहने वाला सुनील कुमार, अपने आप ही सुरक्षित घर पहुंच गया था. 

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रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान आईं कई दिक्कतें

बता दें कि शुक्रवार को भारी बर्फबारी की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी रुकावट देखी गई. मज़दूरों को बर्फ से बाहर निकालने के लिए जोशीमठ से हवाई मार्ग के जरिये SDRF की टीमें भेजी गईं. घटना स्थल से 30 किलोमीटर सड़क पर बर्फ जमी होने की वजह से वहां पहुंचने में रेस्क्यू टीम को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. प्रदेश के आपदा प्रबंधन और पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने इस बात को माना कि बचाव काम चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि हिमस्खलन स्थल के पास करीब सात फुट तक बर्फ जमी हुई है. हालांकि, उन्होंने बताया कि बचाव अभियान में 65 से अधिक कर्मचारी लगे हुए हैं.

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माणा में बर्फ के नीचे कैसे दबे मजदूर?

चमोली में एवलांच की यह घटना शुक्रवार सुबह सवा 7 बजे के करीब हुई. जानकारी के मुताबिक सभी 54 मजदूर कंटेनर में सो रहे थे. इस दौरान वहां एक बर्फीला तूफान आया और कंटेनर बर्फ से ढक गया. तभी ये मजदूर बर्फ के नीचे दब गए. ये हादसा बद्रीनाथ से करीब 3 किमी दूर चमोली के माणा गांव में हुई.

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