भर्ती परीक्षा घोटाले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे बेरोजगार युवाओं पर लाठीचार्ज

मुख्यमंत्री ने युवाओं से किसी के 'बहकावे' में न आने का अनुरोध किया और कहा कि उनकी सरकार युवाओं के हित में फैसले ले रही है और प्रदेश के युवाओं के साथ किसी तरह का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
बेरोजगार युवाओं के एक वर्ग ने शुक्रवार को 'उत्तराखंड बंद' का आहवान किया है.
देहरादून:

उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं में कथित घोटाले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे बेरोजगार युवाओं पर बृहस्पतिवार को पुलिस ने लाठीचार्ज किया जिसमें कुछ प्रदर्शनका​री घायल हो गए. देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि बीसियों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर सुद्धोवाला जेल भेज दिया गया है.

युवाओं के प्रदर्शन से दिन भर देहरादून की कई सडकों पर जाम की स्थिति बनी रही और यातायात व्यवस्था चरमरा गई.  विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में धांधली की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) से जांच कराए जाने की मांग को लेकर बुधवार से जारी बेरोजगारों के प्रदर्शन ने बृहस्पतिवार को हिंसक रूप ले लिया. प्रदर्शनस्थल से बुधवार देर रात कथित तौर पर जबरन उठाए जाने से आक्रोशित युवाओं की पुलिस से जोरदार झड़प हुई और उन्होंने पुलिस पर पत्थर फेंके.

पुलिस को प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा जिसमें कुछ युवक घायल हो गए. बाद में युवाओं को हिरासत में लेकर सुद्धोवाला जेल भेज दिया गया.

बेरोजगार युवाओं के एक वर्ग ने शुक्रवार को 'उत्तराखंड बंद' का आहवान किया है. कांग्रेस ने भी इसे राज्य सरकार की 'युवाओं की आवाज दबाने का प्रयास' बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष मथुरादत्त जोशी ने कहा कि युवाओं पर किए इस अत्याचार के विरोध में पार्टी शुक्रवार को हर जिले में प्रदर्शन करेगी.

इससे पहले दिन में, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवाओं को आश्वस्त किया कि उनकी सरकार युवाओं के हितों की रक्षा के लिए सजग है और किसी के साथ कोई अन्याय नहीं होने दिया जाएगा.

धामी ने कहा, ‘‘हमारी सरकार प्रदेश के युवाओं के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह से सजग है. पहले की तरह हमने किसी भी भर्ती घोटाले को न तो दबाया है और न छुपाया है. जितने भी मामले सामने आए, हमने उनकी जांच कराकर दोषियों को जेल भेजा है.''

Advertisement

उन्होंने दोहराया कि उनकी सरकार भर्ती परीक्षाओं में नकल को रोकने के लिए कड़ा कानून बनाने जा रही है. उन्होंने कहा, ‘‘देश का सबसे कड़ा नक़ल विरोधी कानून हम लेकर आ रहे हैं. ऐसी पुख्ता व्यवस्था की जा रही है कि भविष्य में होने वाली सारी परीक्षाएं पारदर्शी और नक़ल विहीन हों.''

मुख्यमंत्री ने युवाओं से किसी के 'बहकावे' में न आने का अनुरोध किया और कहा कि उनकी सरकार युवाओं के हित में फैसले ले रही है और प्रदेश के युवाओं के साथ किसी तरह का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा.

Advertisement

भर्ती परीक्षा घोटालों की सीबीआई से जांच के अलावा बेरोजगार युवाओं की यह भी मांग है कि परीक्षाएं आयोजित करने वाले आयोग के घोटाले में लिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों को भी दंडित किया जाए और नयी भर्ती परीक्षाओं का आयोजन नकल विरोधी कानून लाए जाने के बाद ही किया जाए.

उन्होंने परीक्षा में नकल करवाने वालों के अलावा नकल करने वाले अभ्यर्थियों के नाम भी सार्वजनिक करने की मांग की. राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों के कथित रूप से लीक होने का पिछले साल खुलासा होने के बाद से उत्तराखंड में एक के बाद एक कई भर्तियों में अनियमितताएं सामने आयीं हैं जिसके कारण उन्हें रद्द करना पड़ा.

Advertisement

इन घोटालों की जांच के लिए गठित पुलिस का विशेष कार्यबल (एसटीएफ) अब तक बीसियों आरोपियों को गिरफ्तार कर चुका है. राज्य सरकार के परीक्षाओं को आयोजित करने की जिम्मेदारी राज्य लोकसेवा आयोग को दिए जाने के बाद भी धांधलियों का सिलसिला नहीं थमा है. इस साल आठ जनवरी को आयोजित पटवारी भर्ती परीक्षा के प्रश्नपत्रों के भी कुछ प्रश्न कथित तौर पर लीक हो गए जिसके बाद उसे रद्द करना पड़ा. यह परीक्षा अब दोबारा 12 फरवरी को होगी.

यह भी पढ़ें -
-- "कमल को खिलाने में बराबर की भूमिका के लिए आपका धन्यवाद": विपक्षी पार्टियों के हंगामे के बीच बोले PM
-- BJP अध्यक्ष ने त्रिपुरा विधानसभा चुनाव को लेकर जारी किया घोषणापत्र, बोले- हमने राजनीतिक संस्कृति बदली

Advertisement
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Meerapur Assembly Seat इस बार किसे चुनेंगी, क्या कहता है यहां का सियासी समीकरण? | UP By Elections
Topics mentioned in this article