केदारनाथ उपचुनाव में किसके हाथ लगेगी बाजी? अब तक के वोटिंग परसेंटेज से समझें

Kedarnath by Election Voting Percentage: केदारनाथ सीट पर हो रहे उपचुनाव में बीजेपी की आशा नौटियाल और कांग्रेस के मनोज रावत सहित कुल छह उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं.

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केदारनाथ उपचुनाव में वोटिंग जारी
देहरादून:

उत्तराखंड में केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए वोट डाले जा रहे हैं. केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में हो रहे उपचुनाव में बुधवार को 5 बजे तक 56.78 फीसदी मतदान हुआ है. वहीं, 1 बजे तक 34.40 फीसदी मतदात हुआ था. इस बार इस सीट पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (Bjp) और विपक्षी दल कांग्रेस में कड़ी टक्कर है. रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ विधानसभा सीट इस साल जुलाई में बीजेपी विधायक शैला रानी रावत के निधन के कारण खाली हुई है.

केदारनाथ में 05 बजे तक मतदान प्रतिशत

सीटमतदान प्रतिशत
केदारनाथ56.78

केदारनाथ में 01 बजे तक मतदान प्रतिशत

सीटमतदान प्रतिशत
केदारनाथ34.40

केदारनाथ सीट पर कड़ी टक्कर

केदारनाथ सीट पर बीजेपी और कांग्रेस में सीधी टक्कर है. कांग्रेस से पूर्व विधायक मनोज रावत तो बीजेपी से पूर्व विधायक आशा नौटियाल केदारनाथ के चुनावी मैदान में आमने-सामने है. केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव से पहले बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशी न सिर्फ जनता के दर पर गए बल्कि भगवान की चौखट पर हाजिरी लगाई, ताकि उन्हें जीत मिल सकें. इस सीट पर उपचुनाव के लिए बीजेपी से आशा नौटियाल और कांग्रेस से मनोज रावत को मिलाकर कुल छह उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. नौटियाल और रावत दोनों पूर्व में भी केदारनाथ विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.

2017 में केदारनाथ सीट से पहली बार विधायक बने 54 वर्षीय रावत को 2022 के विधानसभा चुनावों में तीसरे स्थान पर रहना पड़ा था. नौटियाल दो बार - 2002 और 2007 केदारनाथ सीट से विधायक रह चुकी हैं जबकि 2012 में उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था. नौटियाल फिलहाल प्रदेश पार्टी महिला मोर्चा के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभा रही हैं. भारतीय जनता पार्टी के सामने जहां इस सीट को अपने कब्जे में बनाए रखने की चुनौती है, वहीं कांग्रेस बदरीनाथ के बाद एक बार फिर केदारनाथ में भाजपा को पटखनी देने के मूड में है.

बीजेपी के लिए क्यों अहम केदारनाथ सीट

अयोध्या और बद्रीनाथ में हुए चुनाव के बाद सबकी नजर केदारनाथ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव पर टिकी हुई है. भारतीय जनता पार्टी के लिए केदारनाथ उपचुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है,  तो कांग्रेस इस चुनाव को जीतकर अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन फिर से वापस करना चाहती है. यही वजह है  केदारनाथ उपचुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं.

बाबा के गढ़ में बीजेपी का दबदबा

केदारनाथ विधानसभा सीट भाजपा विधायक शैला रानी रावत के निधन के बाद खाली हुई है. इस सीट पर अब तक पांच बार चुनाव हुए हैं, जिसमें बीजेपी तीन बार और कांग्रेस ने दो बार जीत हासिल की है. इसी पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस आमने-सामने रही है. इस बार भी बीजेपी और कांग्रेस की सीधी टक्कर है. ऐसे में ये देखने वाली बात होगी कि अबकी बार बाजी किसके हाथ लगेगी.

173 मतदान केंद्रों पर डोल जा रहे वोट

केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के लिए 173 मतदान केंद्र बनाए गए हैं जिनमें से 130 पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) वीवीआरसी पुरुषोत्तम ने बताया कि इससे ‘वेबकास्टिंग' के जरिए लगातार मतदान केंद्र की निगरानी जिला एवं मुख्य निर्वाचन कार्यालय और निर्वाचन आयोग से होती रहेगी. विधानसभा क्षेत्र में 90,875 मतदाता हैं जिसमें 45,956 महिला मतदाता शामिल हैं। उपचुनाव का नतीजा 23 तारीख को घोषित होगा.

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