क्लर्क से लेफ्टिनेंट और नेवी छोड़कर आए अफसर, IMA पासिंग आउट परेड में दिखा जुनून का 'जज्बा'

विदेशी ऑफिसर कैडेट्स में श्रीलंका के हर्षण विजया सुंदरा भी पास आउट हुए हैं. हर्षण ने कहा कि उन्हें यहां का वातावरण और यहां के लोग बहुत पसंद आए हैं.

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भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) में शनिवार को हुई 157वीं पासिंग आउट परेड (POP) कई प्रेरणादायक कहानियों की गवाह बनी. इस परेड में कुल 525 अफसर कैडेट्स पास आउट हुए, जिनमें भारतीय सेना को 491 युवा सैन्य अधिकारी मिले. इन युवा लेफ्टिनेंट्स का सपना भले ही सैन्य अधिकारी बनने का था, लेकिन इसे साकार करने का रास्ता हर किसी के लिए अनूठा और जज्बे से भरा था. आपको ऐसे ही मेहनत और जज्बे की कहानियों के बारे में बताते हैं.

अपने भाई को माना अपना आदर्श 

शनिवार को हुई सैन्य अकादमी की परेड में हरप्रीत सिंह लेफ्टिनेंट बने हरप्रीत सिंह पंजाब के गुरदासपुर के रहने वाले हैं. हरप्रीत सिंह के बड़े भाई लवप्रीत सिंह ने भी भारतीय सैन्य अकादमी से ट्रेनिंग ली और साल 2015 में पास आउट हुए. मौजूदा समय में हरप्रीत सिंह के बड़े भाई लवप्रीत सिंह सेना में मेजर के रैंक पर हैं. हरप्रीत सिंह भी भारतीय सेना में क्लर्क के पद पर तैनात थे और 13 साल भारतीय सेना में नौकरी की. नौकरी करते हुए हरप्रीत सिंह ने सैन्य अधिकारी बनने की तैयारी की और एग्जाम देकर भारतीय सैन्य अकादमी में प्रशिक्षण करने आए और शनिवार को वह सैन्य अधिकारी ब.ने हरप्रीत सिंह के पिता भूतपूर्व सैनिक हैं और हवलदार के पद पर रिटायर्ड हुए हैं. अपने भाई को आदर्श मानकर हरप्रीत सिंह भी सैन्य अधिकारी बनने के लिए परिश्रम किया और वह सैन्य अधिकारी बने.

इंडियन आर्मी में जाने की इच्छा 

उत्तराखंड के हल्द्वानी रहने वाले रजत जोशी भी शनिवार भारतीय सैन्य अकादमी की परेड में पास आउट हुए और बतौर लेफ्टिनेंट बने हैं. रजत जोशी की कहानी भी उन कई मेहनती और जज्बे की मिसाल है. रजत जोशी पहले नेवी में भर्ती हो चुके थे और जब नेवी में 5 दिन कमीशन के रह गए थे तो समय रजत जोशी को भारतीय सैन्य अकादमी से कॉल लेटर आया. रजत जोशी चाहते तो नेवी में भर्ती होकर काम कर सकते थे लेकिन उन्होंने भारतीय सेना को चुना और दोबारा से ट्रेनिंग करने भारतीय सैन्य अकादमी पहुंच गए. रजत जोशी ने बताया कि उनको पहले से ही इंडियन आर्मी में जाने की इच्छा थी. इसलिए उन्होंने नेवी को छोड़ भारतीय सेना में आए . रजत जोशी आज इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट बन गए हैं. रजत जोशी ने बताया कि उनके पिता आइटीबीपी में एएसआई के पद पर तैनात हैं. आज वह कड़ी मेहनत के बाद इंडियन आर्मी में सैन्य अधिकारी बन गए हैं.

इंस्ट्रक्टर शानदार मिले

वहीं, विदेशी ऑफिसर कैडेट्स की बात करें तो बांग्लादेश के सफीन भी शनिवार को भारतीय सैन्य अकादमी से पास आउट हुए हैं. सफीन का कहना है कि इंडियन मिलिट्री अकादमी में ट्रेनिंग करना गौरव की बात है और जो उन्होंने यहां पर सीखा है, उन्हें अपने देश में बहुत काम आएगा. साफिन ने भारतीय सेना के अधिकारी और इंस्ट्रक्टर के बारे में कहा कि बेहतरीन अधिकारियों से उन्होंने ट्रेनिंग ली. उनके इंस्ट्रक्टर शानदार थे. इसके अलावा सफीन कहते हैं कि उन्हें यहां के खाने का स्वाद हमेशा याद आएगी.

श्रीलंका के हर्षण विजया सुंदरा हुए पास आउट

विदेशी ऑफिसर कैडेट्स में श्रीलंका के हर्षण विजया सुंदरा भी पास आउट हुए हैं. हर्षण ने कहा कि उन्हें यहां का वातावरण और यहां के लोग बहुत पसंद आए हैं. उन्हें यहां से अपने देश के आर्मी में अब ज्वाइन होना है लेकिन हमेशा उनके बैचमेट्स और उनके दोस्त याद आएंगे. हर्षण कहते हैं कि श्रीलंका और भारत में सब कुछ एक समान है, इसलिए उनको कभी नहीं लगा कि वे अपने देश में नहीं बल्कि दूसरे देश में हैं. 

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