- उत्तराखंड में भारी बारिश से स्थिति गंभीर हो गई है, प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है
- रुद्रप्रयाग में अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के करीब है
- 113 सड़कें, जिसमें दो राष्ट्रीय हाईवे भी शामिल हैं, मलबा और भूस्खलन से बंद हो गई हैं
- केदारनाथ यात्रा अस्थायी रूप से रोक दी गई है, पैदल मार्ग में मलबा और बोल्डर गिरने से बाधित हुआ है
उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण हालात बिगड़ गए हैं. रुद्रप्रयाग में अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है, जिससे प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है. नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश दिए गए हैं.
अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों का जलस्तर बढ़ने से नदी किनारे के घरों को खाली कराया गया है. बदरीनाथ और केदारनाथ हाईवे भी जगह-जगह बंद हो गए हैं. अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ने से नदी किनारे बने घाटों तक पानी पहुंच गया है. गंगोत्री धाम के पास तीर्थयात्री जाम में फंसे रहे.
भारी बारिश के कारण 113 सड़कें बंद
उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण 113 सड़कें बंद हो गई हैं, जिनमें दो नेशनल हाईवे भी शामिल हैं. इनमें से अधिकांश सड़कें मलबा, पत्थरों के गिरने और लैंडस्लाइड के कारण बंद हुई हैं. दो नेशनल हाईवे बंद हैं, जिनमें बीआरओ की तीन सड़कें और स्टेट हाईवे की दो सड़कें शामिल हैं, बल्कि केवल दो नेशनल हाईवे बंद होने की सूचना है. 37 पीडब्ल्यूडी सड़कें बंद हैं. 65 पीएमजीएसवाई और आरडब्ल्यूडी सड़कें बंद हैं. चमोली जिले में सबसे अधिक 23 सड़कें बंद हुई हैं. पिथौरगढ़ जिले में 22 सड़कें बंद हैं.
बोल्डर गिरने से पैदल मार्ग पूरी तरह से बाधित
रुद्रप्रयाग जिले में भारी बारिश के कारण एक नेशनल हाईवे और 5 ग्रामीण मोटर मार्ग मलबा और पत्थरों के गिरने से अवरुद्ध हो गए हैं. केदारनाथ यात्रा भी अस्थायी रूप से रोक दी गई है क्योंकि गौरीकुंड से लगभग एक किलोमीटर आगे जंगलचट्टी के पास मलबा और बोल्डर गिरने से पैदल मार्ग पूरी तरह से बाधित हो गया है.
जिला पुलिस, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ, और एसडीआरएफ की टीमें यात्रियों को दोनों छोरों से सुरक्षित रूप से पार करवा रही हैं. मानसून सीजन में लगातार हो रही बारिश के कारण केदारनाथ धाम पैदल मार्ग भूस्खलन के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हो गया है.
उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग मालबा और भू-धसाव के कारण कई जगहों पर बंद है. इसके अलावा, अन्य जिलों में भी सड़क मार्गों पर प्रभाव पड़ा है.
- उत्तरकाशी जिला: 1 नेशनल हाईवे और 10 ग्रामीण मोटर मार्ग बंद
- चमोली जिला: 20 ग्रामीण मोटर मार्ग भारी बारिश और भूस्खलन के कारण बंद
- पिथौरागढ़ जिला: 3 नेशनल हाईवे (बीआरओ के अंतर्गत) और 10 ग्रामीण मोटर मार्ग बंद
- बागेश्वर जिला: 3 मुख्य जिला मार्ग और 17 ग्रामीण मोटर मार्ग मालवा और पत्थरों के गिरने से बंद
- चंपावत जिला: 1 ग्रामीण मोटर मार्ग बंद
- पौड़ी जिला: 1 मुख्य जिला मार्ग और 15 ग्रामीण मोटर मार्ग बंद
- नैनीताल जिला: 2 ग्रामीण मोटर मार्ग बंद
- देहरादून जिला: 2 स्टेट हाईवे और 9 ग्रामीण मॉडल मार्ग बंद
- टिहरी जिला: 5 ग्रामीण मोटर मार्ग मालवा, भूस्खलन और पत्थरों के गिरने से बंद
कई जिलों में रेड अलर्ट जारी
प्रशासन और संबंधित एजेंसियां इन मार्गों को खोलने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं. भारी बारिश के कारण चारधाम यात्रा भी प्रभावित हुई है और यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ठहरने की सलाह दी गई है. मौसम विभाग ने कई जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है और लोगों से सावधानी बरतने का आग्रह किया है.
उत्तराखंड मौसम विज्ञान केंद्र ने 4 जुलाई से 8 जुलाई तक राज्य के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है. इन जिलों में देहरादून, रुद्रप्रयाग, चमोली, नैनीताल, बागेश्वर और चंपावत शामिल हैं. मौसम विज्ञान केंद्र ने 4 जुलाई से 7 जुलाई तक राज्य में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.