उत्तराखंड के रुड़की में गंगनहर के किनारे एक शख्स अपनी जान जोखिम में डालकर हर दिन सैकड़ों लोगों की जान बचा रहा है. मोनू नाम का यह शख्स गंगनहर में डूबते हुए लोगों को बचाने के लिए हमेशा मौजूद रहता है. अब तक मोनू सैकड़ों से ज्यादा लोगों की जान बचा चुका है और कई शवों को भी गंगनहर से बाहर निकाल चुका है. मोनू की बहादुरी और निस्वार्थ सेवा भाव को देखकर लोग उसे जलवीर मोनू के नाम से जानने लगे हैं.
मोनू गंगनहर में डूबे हुए लोगों को बचाने के लिए लगभग 4 से 5 मिनट तक पानी के अंदर गोता लगाते हैं. वह करीब 40 फीट गहरी गंगनहर में बिना किसी डर के पानी के अंदर जाकर डूबे हुए शख्स को तलाश करते हैं. मोनू ने कोई खास ट्रेनिंग नहीं ली है, लेकिन अपने पिता से विरासत में मिले हुनर और अनुभव के बल पर वह बड़े-बड़े तैराक और गोताखोरों को मात दे रहे हैं.
जलवीर मोनू ने अपनी जान जोखिम में डालकर सैकड़ों लोगों की जान बचाई है. वह रुड़की शहर के बीचो-बीच बहने वाली गंग नहर में डूबने वाले लोगों को बिना समय गवाए बचाता है. मोनू को उसकी बहादुरी और निस्वार्थ सेवा भाव के लिए कई बार सम्मानित किया गया है. मोनू ने 500 से ज्यादा लोगों को डूबने से बचाया है और उसकी इस बहादुरी को देखकर लोग उसकी प्रशंसा कर रहे हैं.
जलवीर मोनू ने बताया कि उनके पिता भी लोगों को डूबने से बचाने का काम करते थे और अब वह खुद इस काम को कर रहे हैं. मोनू को यह काम करने में अच्छा महसूस होता है और वह इसे अपने पिता की विरासत के रूप में देखते हैं.
मोनू ने बताया कि वह 15 साल की उम्र से अपने पिता के साथ इस काम में शामिल हुए थे और तब से वह लोगों को डूबने से बचाने के लिए काम कर रहे हैं. अब उनकी उम्र 30 साल है और उन्होंने अपने जीवनकाल में सैकड़ों लोगों को बचाया है.
जलवीर मोनू ने बताया कि जिन लोगों को उन्होंने बचाया है, उनमें से अधिकांश आत्महत्या करने वाले होते हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें कभी डर नहीं लगता, तो मोनू ने कहा कि नहीं, बल्कि उन्हें लोगों की जान बचाकर अच्छा लगता है. मोनू का कहना है कि वह इस काम को बहुत ही सुरक्षित तरीके से करते हैं.
अब हालात यह है कि पुलिस के बजाय लोग जलवीर मोनू को पहले बुलाते हैं जब किसी को डूबने से बचाने की जरूरत होती है. मोनू गंग नहर के किनारे सोनाली पार्क के पास एक झोपड़ी में अपने परिवार के साथ रहता है और वहीं पर परिवार का पेट पालने के लिए एक चाय की दुकान चलाता है.
मोनू ने बताया कि गंग नहर में डूबने की अधिकांश घटनाएं सोनाली पार्क के आसपास ही होती हैं. इसलिए, मोनू हमेशा तैयार रहते हैं और लोगों की जान बचाने के लिए तत्पर रहते हैं. मोनू की बहादुरी और निस्वार्थ सेवा भाव को देखकर लोग उसकी प्रशंसा कर रहे हैं.