- हरिद्वार की रिहायशी बस्तियों में जंगली जानवरों की आवाजाही सामान्य हो गई है
- जगजीतपुर में हाल ही में पांच हाथियों का काफिला हरिद्वार-लक्सर मार्ग पर देखा गया
- हाथियों ने दो दिन पहले एक कार के साथ टक्कर की घटना को अंजाम दिया था
उत्तराखंड के हरिद्वार की रिहायशी बस्तियो में जंगली जानवरों की आवाजाही अब कोई नई बात नहीं रही. स्थानीय निवासी इसे अपनी नियति मानकर जीने को मजबूर हैं. गनीमत ये है कि रिहायशी इलाकों में खुले आम घूम रहे ये जंगली जानवर अब तक हिंसक नहीं हुए है, क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो फिर कल्पना कीजिए कि क्या उत्पात होगा. भले ही लोग इस बात से सकून में हो लेकिन अब हालात धीरे-धीरे बदलते नजर आ रहे हैं.
जगजीतपुर में दिखा हाथियों का काफिला
हरिद्वार से सटे जगजीतपुर इलाके में एक के बाद एक पांच हाथियों का काफिला हरिद्वार-लक्सर मार्ग पर आ गया. हाथियों की मौजूदगी ने राहगीरों की धड़कनें बढ़ा दीं. हालांकि लोगों ने समझदारी दिखाते हुए न कोई शोर किया, न उनका पीछा किया. बस चुपचाप उनके गुजरने का इंतजार करते रहे. स्थानीय लोगों के मन में डर पहले से ही बैठा हुआ है, क्योंकि दो दिन पहले एक हाथी ने एक कार के साथ जोर आजमाइश की थी, जिससे भय का माहौल बन गया था. इस घटना ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.
वन विभाग की सीमित तैयारी
वन विभाग की लाख कोशिशों के बावजूद हाथियों की आवाजाही को रोकने या उनके मार्ग को बदलने में सफलता नहीं मिली है. विभाग का कहना है कि हाथी जंगल से निकलकर खेतों की ओर जा रहे हैं, जहां उन्हें खाने की पसंदीदा चीजें मिल जाती हैं.
हरिद्वार के निवासियों की चिंता अब बढ़ती जा रही है. असल में वे चाहते हैं कि वन विभाग इस समस्या का स्थायी समाधान निकाले, ताकि शहर में जंगली जानवरों की आवाजाही पर रोक लगाई जा सके.