धराली की 'लाइफलाइन' बैली पुल आज हो जाएगा तैयार, जानें रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन की हर अपडेट

उत्तराखंड राज्य आपदा नियंत्रण प्राधिकरण ने शुक्रवार को बताया कि घटनास्थल पर बचाव एवं राहत कार्यों में सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादान बल और पुलिस के 800 से ज्यादा बचावकर्मी जुटे हैं.

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मौसम साफ, अब रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन में आएगी तेजी
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  • उत्तराखंड में धराली से जुड़ी मुख्य सड़क टूटने के बाद गंगनानी के पास लिंचागाड़ पर बैली पुल बनाया जा रहा है.
  • बैली पुल का आधा निर्माण पूरा हो चुका है, जिसमें सेना, बीआरओ, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ युद्ध स्तर पर लगे हुए हैं.
  • चिनूक हेलीकॉप्टर से दो जेनरेटर हर्षिल पहुंचाए गए ताकि बिजली आपूर्ति बहाल की जा सके और राहत कार्य बेहतर हो सके.
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गंगनानी:

उत्‍तराखंड को धराली से जोड़ने वाली मुख्‍य सड़क टूट गई है. अब धराली तक पहुंचे के लिए  गंगनानी के पास लिंचागाड़ पर बैली पुल बनाया जा रहा है. बैली पुल को बनाने का आधा काम हो गया है. आर्मी, बीआरओ, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ इस पुल को बनाने में युद्ध स्‍तर पर जुटी हुई हैं. रात-दिन इस पुल को बनाने का काम किया जा रहा है. 500 से ज्‍यादा लोग अब भी पुल के उस ओर फंसे हुए हैं, जिन्‍हें लाने में ये बैली पुल अहम भूमिका निभाएगा. हालांकि, एक अस्‍थाई रास्‍ता भी तैयार किया गया है, लेकिन वहां से जाना आसान नहीं है. 

चिनूक हेलीकॉप्‍टर से दो जेनरेटर हर्षिल पहुंचे 

धराली, हर्षिल और उत्तरकाशी के बीच काफी सड़कें टूट गई हैं. और बिजली आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित है. चिनूक हेलीकॉप्‍टर से दो जेनरेटर हर्षिल शनिवार को पहुंचाए गए हैं, ताकि वहां बिजली आपूर्ति की जा सके. इस बीच बैली पुल को बनाने का काम भी तेजी से किया जा रहा है. गंगनानी के पास लिंचागाड़ पर बैली पुल बनाने का काम शुक्रवार को शुरू कर दिया गया था, जो आज शाम तक पूरा हो जाएगा. 

मौसम साफ, अब रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन में आएगी तेजी

मौसम साफ है, ऐसे में उम्‍मीद की जा रही है कि ये पुल आज शाम तक बनकर तैयार हो जाएगा. मौसम खराब होने की वजह से शुक्रवार को हेलीकॉप्‍टर धराली और हर्षिल वेली तक मदद पहुंचाने के लिए नहीं उड़ पा रहे थे. लेकिन आज मौसम साफ होने की वजह से हेलीकॉप्‍टरों से मदद वहां पहुंचाई जा सकेगी. बता दें कि बीते मंगलवार को बादल फटने के कारण खीरगाड़ बरसाती नाले में आयी भीषण बाढ़ में आधा धराली गांव तबाह हो गया था तथा कई लोग लापता हो गए थे. उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तीन दिन तक बाधित रही संचार सेवाएं शुक्रवार को बहाल हो गयी. अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि इससे बचाव कार्यों में तेजी लाने में मदद मिलेगी.

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उत्तराखंड राज्य आपदा नियंत्रण प्राधिकरण ने शुक्रवार को बताया कि घटनास्थल पर बचाव एवं राहत कार्यों में सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादान बल और पुलिस के 800 से ज्यादा बचावकर्मी जुटे हैं. जीवित बचे लोगों को ढूंढने तथा मलबे के विशाल ढेर के नीचे दबे शवों का पता लगाने के लिए खोजी कुत्तों और रडारों का उपयोग किया जा रहा है. बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए सेना ने भागीरथी नदी पर एक पुल बना दिया है. 

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