अपनों की तलाश में भटक रहा है नेपाली मजदूर
- उत्तरकाशी के धराली गांव में आई आपदा के कारण पूरा क्षेत्र मलबे में तब्दील हो गया है और तस्वीरें भयावह हैं.
- खराब मौसम और टूटे हुए रास्तों के कारण राहत और बचाव कार्य में तेजी लाना मुश्किल साबित हो रहा है.
- नेपाल से आए मजदूर वीर सिंह के अनुसार उनके 25 साथी जो रोड निर्माण में लगे थे, आपदा के बाद लापता हैं.
उत्तरकाशी के धराली में मंगलवार को जो आपता आई उसके बाद से अब वहां की जो भी तस्वीर निकलकर सामने आई है वो बेहद डराने वाले हैं. धराली गांव पूरी तरह से मलबे में तबदील हो चुका है. जहां भी देखो हर तरफ मलबा ही मलबा है. खराब मौसम और जगह-जगह सड़क के टूटने के कारण राहत और बचाव कार्य भी तेजी से नहीं किया जा पा रहा है. ऐसे में अपने को खोने वाले परिजनों की उम्मीद भी अब टूटती जा रही है.
NDTV ने ऐसे ही एक शख्स से बात की जिनके साथ काम करने वाले 25 लोग इस घटना के बाद से ही लापता हैं. नेपाल से मजदूरी करने आए वीर सिंह ने NDTV से खास बातचीत में बताया कि किस तरह से इस घटना के बाद से ही उनके कैंप के 25 लोग लापता हो गए हैं. वीर सिंह ने बताया कि वो और उनके साथी धराली में रोड बनाने का काम कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि हमारा कैंप वहीं था. जब एकाएक पानी आया तो उस दौरान हमारे कई लोग उसकी चपेट में आ गए. हमारे 25 घंटे गायब हैं. ना साहब को फोन लग पा रहा है ना ही किसी दूसरे बंदे से संपर्क हो पा रहा है. जो लोग लापता हुए है उनमें औरतें और बच्चे भी हैं. ये सभी रोड का काम करते थे. अब किसी का पता नहीं चल पा रहा है.
उन्होंने बताया कि मैं धराली जा रहा था लेकिन वहां पहुंचने के लिए आगे का रास्ता ही टूटा हुआ है. इस वजह से मैं वहां पहुंच नहीं पाया. अभी तक ये पता नहीं चल पाया है कि जो लोग वहां थे वो कहां हैं कैसे हैं. वीर सिंह ने बताया कि उनका कैंप आर्मी कैंप के साथ में ही था. उसी कैंप में रुककर उनके साथी रोड बनाने का काम कर रहे थे. अभी तक किसी के बारे में कुछ पता नहीं चल पाया है.