उत्तराखंड के भविष्य के लिए सख़्त फैसलों की राह पर धामी सरकार, जानें सीएम ने क्या कुछ कहा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का यह बयान सिर्फ़ एक राजनीतिक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि बीते कुछ वर्षों में लिए गए उन फैसलों की झलक है, जिन्होंने उत्तराखंड की राजनीति और प्रशासनिक दिशा को बदल कर रख दिया है.

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  • उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कठोर निर्णय लेकर प्रदेश के उज्जवल भविष्य के लिए कार्य करने की बात कही
  • हाल की परीक्षा में नकल मामले पर मुख्यमंत्री ने धरना स्थल पर पहुंचकर मामले की सीबीआई जांच की अनुशंसा की
  • उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू कर विवाह, तलाक और संपत्ति मामलों में समान कानून लागू किए गए
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देहरादून:

उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में कहा कि हम उत्तराखंड के उज्जवल भविष्य के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, हमने कई निर्णय लिए हैं. विपक्ष कहता है कि हम ज़्यादा कठोर हो रहे हैं. हां, मैं कहता हूं कि हम कठोर हैं. राष्ट्र विरोधियों के लिए कठोर हैं, जनता का हक़ छीनने वालों के लिए कठोर हैं, युवाओं को अंधकार में धकेलने वालों के लिए कठोर हैं, उत्तराखंड की जनता को गुमराह करने वालों के लिए हम कठोर है. ये हम स्वीकार करते हैं कि ये कठोरता हमने अपनाई है."

कुर्सी पर बने रहने के लिए काम नहीं करते

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का यह बयान सिर्फ़ एक राजनीतिक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि बीते कुछ वर्षों में लिए गए उन फैसलों की झलक है, जिन्होंने उत्तराखंड की राजनीति और प्रशासनिक दिशा को बदल कर रख दिया है. सीएम धामी कहते हैं, "हम केवल कुर्सी से बने रहने के लिए काम नहीं करते, बल्कि उत्तराखंड का भविष्य बनाने के लिए काम करते हैं. प्रदेशवासियों के हित में हमें जो करना पड़ेगा, हम उसके लिए संकोच नहीं करेंगे. एक मिनट की देरी नहीं करेंगे. जो भी निर्णय प्रदेश के हित में लेने होंगे, वो सब हम करते रहेंगे."

पेपर लीक से लेकर सीबीआई जांच तक

हाल ही में हुई परीक्षा में नकल की घटनाओं को लेकर प्रदेश में बवाल मचा. प्रशासन ने इसे पेपर लीक की बजाय नकल की घटना बताया, लेकिन जनता के आक्रोश को देखते हुए मुख्यमंत्री ख़ुद धरना स्थल पर पहुंचे, धरना समाप्त कराया और मामले की सीबीआई जांच की अनुशंसा कर दी.

UCC और सख़्त कानूनों की श्रृंखला

साल 2024 में उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना जहां यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू किया गया. विवाह, तलाक और संपत्ति जैसे मामलों में समान कानून लागू हुआ. इसके साथ ही सख़्त एंटी-कन्वर्जन कानून लाया गया. अवैध मदरसों और मजारों पर बुलडोजर चला. 6000 एकड़ ज़मीन मुक्त कराई गई. मुख्यमंत्री के “लव जिहाद, लैंड जिहाद, थूक जिहाद” जैसे बयानों ने अल्पसंख्यकों में असुरक्षा की भावना को जन्म दिया. देहरादून के 28 गांवों में हिंदू आबादी घटने पर डेमोग्राफिक चिंता जताई गई.

भूमि घोटाला और निवेश पर सवाल

साल 2024-25 में हरिद्वार में 54 करोड़ रुपये का भूमि घोटाला सामने आया. डीएम समेत तीन अधिकारियों को सस्पेंड किया गया. बाहरी लोगों द्वारा कृषि/बागवानी भूमि खरीद पर अस्थायी रोक लगाई गई, जिसे UCC से जोड़ा गया. विपक्ष ने इसे निवेश के लिए बाधा बताया.

पोस्टर विवाद और दंगों पर सख़्त रुख

‘I Love Muhammad' पोस्टर विवाद के बाद हुए दंगों को मुख्यमंत्री ने “साजिश” बताया और संपत्ति नुकसान की भरपाई की घोषणा की. यह बयान प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर सरकार की सख़्ती को दर्शाता है.

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ऑपरेशन कालनेमि: आस्था के नाम पर ठगी पर कार्रवाई

जुलाई 2025 में शुरू हुए ऑपरेशन कालनेमि का उद्देश्य धार्मिक वेशभूषा में ठगी करने वाले फर्जी बाबाओं, ठगों और संदिग्धों पर कार्रवाई करना था. 2,448 संदिग्धों की पहचान हुई, जिनमें 377 विशेष रूप से संदिग्ध थे. 1,250 से अधिक पूछताछ और 300 से अधिक गिरफ्तारियां हुईं, जिनमें बांग्लादेशी नागरिक और मुस्लिम पृष्ठभूमि के लोग भी शामिल थे.

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