उत्तराखंड के देहरादून में डिफेंस कॉलोनी में जमीनों के फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. इस मामले में 15 रिटायर्ड सैन्य अधिकारियों समेत 16 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोप है कि इन लोगों ने डिफेंस कॉलोनी की जमीनों को फर्जीवाड़ा कर बेचा है.
शिकायतकर्ता रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल टीएस पयाल हैं, जो डिफेंस कॉलोनी की रहने वाले हैं. उनका आरोप है कि समिति के पदाधिकारियों ने जमीनों को बेचने के लिए दस्तावेजों और लेआउट प्लान में छेड़छाड़ की है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि समिति ने 100 प्लॉट के अलावा और जमीन बेची है, जो कानूनी रूप से गलत है.
डिफेंस कॉलोनी की द सैनिक सहकारी आवास समिति लिमिटेड के पूर्व अध्यक्ष रिटायर्ड कर्नल एसएल पैनुली ने इन आरोपों को आधारहीन बताया है. उनका कहना है कि समिति की आम सभा में यह फैसला हुआ था कि जमीन का एक टुकड़ा मानवीय आधार पर सिविलियन को बेचा जाए.
पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और दस्तावेज इकट्ठा करने का काम शुरू कर दिया है. देहरादून के एसपी सिटी प्रमोद कुमार के अनुसार, मामले की जांच के बाद ही कुछ बताया जा सकेगा.
डिफेंस कॉलोनी का क्या है मामला?
डिफेंस कॉलोनी में जमीन घोटाले का मामला सामने आया है, जिसमें 15 सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. यह मामला 1964 में गठित समिति से जुड़ा है, जिसमें 183.89 एकड़ में 680 प्लॉट काटे गए थे. आरोप है कि समिति के पदाधिकारियों ने कॉलोनी की खुली जमीनों को बेचा, जिनमें पार्क, खेल का मैदान, सामुदायिक और मनोरंजन के मैदान शामिल हैं. आरोप यह भी है कि दस्तावेजों और लेआउट प्लान में छेड़छाड़ कर अतिरिक्त 100 प्लॉट बेचे गए. इसके अलावा, अन्य लोगों को भी जमीन बेची गई, जिनका सैन्य सेवाओं से कोई ताल्लुक नहीं रहा. यह मामला सैन्य अधिकारियों की सबसे बड़ी रिहाइश डिफेंस कॉलोनी में अवैध रूप से जमीन बेचे जाने का है.