- उत्तराखंड में पेपर लीक केस में प्रदर्शन कर छात्रों से सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुलाकात की.
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश करने का बड़ा फैसला किया है.
- आंदोलनरत छात्र मामले की जांच सीबीआई से कराने के लिए 8 दिन धरना दे रहे थे.
UKSSSC Paper Leak Case: उत्तराखंड में पेपर लीक केस को लेकर बीते 8 दिनों छात्रों का प्रदर्शन जारी है. सोमवार को देहरादूर में धरना पर बैठे छात्रों से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुलाकात की. उन्होंने आंदोलनरत छात्रों से बातचीत की. जिसके बाद बड़ा फैसला लेते हुए CBI से इस मामले की जांच सिफारिश करने की बात कही. इसका मतलब यह है कि उत्तराखंड पेपर लीक केस की जांच की सिफारिश राज्य सरकार केंद्रीय एजेंसी सीबीआई को करेगी. गृह मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद सीबीआई इस मामले की जांच करेगी.
दरअसल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को परेड ग्राउंड में आंदोलन कर रहे युवाओं के बीच पहुंचकर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की गत सप्ताह आयोजित परीक्षा प्रकरण की CBI जांच कराने पर सहमति दे दी है.
सोमवार दोपहर बाद सीएम धामी अचानक परेड ग्राउंड में आंदोलनरत युवाओं के बीच पहुंचे और युवाओं का पक्ष सुनने के बाद सीबीआई जांच कराने की बात कही. उन्होंने कहा- युवा इस त्योहारी सीजन में इतनी गर्मी के बीच आंदोलन कर रहे हैं, इससे खुद उन्हें भी अच्छा नहीं लग रहा है. सरकार का एक ही संकल्प है कि परीक्षा प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होनी चाहिए. विगत चार साल में सरकार ने इसी संकल्प के अनुसार काम किया है.
मुख्यमंत्री धामी ने युवाओं से भावुक अपील करते हुए कहा कि वो जानते हैं कि उत्तराखंड के युवा और छात्र पढ़ाई के बाद सरकारी नौकरी के लिए तैयारी करते हैं. इसी आधार पर उनके पास जीवन के लिए खूबसूरत सपने होते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने खुद ऐसी परिस्थितियों को देखा है, छात्रों और युवाओं के बीच काम करते हुए, इसका अनुभव लिया है.
सरकार सीबीआई जांच की सिफारिश करेगीः धामी
युवाओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री धामी कहा कि विगत दिनों सामने आए प्रकरण की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में एसआईटी द्वारा की जा रही है. कमेटी ने काम भी शुरू किया है, लेकिन फिर भी युवा सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं, इस कारण सरकार इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश करेगी. इसमें कोई रुकावट नहीं आएगी.
4 साल में 25 हजार से अधिक भर्तियां हुई, यह पहली शिकायतः धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वो चाहते तो ये बातचीत कार्यालय में भी हो सकती थी, लेकिन युवाओं के कष्ट को देखते हुए, उन्होंने खुद धरना स्थल पर आने का निर्णय लिया है, वो पूरी तरह युवाओं के साथ हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने पिछले चार साल में पारदर्शी तरीके से 25 हजार से अधिक सरकारी भर्तियां की है, इमसें कहीं कोई शिकायत नहीं आई है.
युवाओं पर दर्ज मुकदमे होंगे वापस
सिर्फ एक प्रकरण में यह शिकायत आई है, इसलिए युवाओं के मन से हर तरह की शंका को मिटाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है. सीएम धामी ने कहा कि आंदोलन के दौरान यदि युवाओं पर कहीं कोई मुकदमें दर्ज हुए हैं तो उन्हें वापस लिया जाएगा.
कई अधिकारी और कर्मचारियों पर गिर चुकी गाज
इस मामले में राज्य सरकार की एजेंसियों ने जांच के बाद कई अधिकारियों और कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया है. हरिद्वार में तैनात सेक्टर मजिस्ट्रेट केएन तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया. इसके अलावा, टिहरी के अगरोड़ा कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को भी पेपर हल कर भेजने में संलिप्त पाए जाने के कारण निलंबित किया गया.
एग्जाम सेंटर पर तैनात दारोगा, कांस्टेबल पहले ही सस्पेंड
वहीं बहादुरपुर जट स्थित एग्जाम सेंटर पर ड्यूटी में तैनात एक दारोगा और एक कांस्टेबल को पहले ही सस्पेंड किया जा चुका है. एसएसपी हरिद्वार ने आरोपी SI रोहित कुमार और कांस्टेबल ब्रह्मदत्त जोशी को निलंबित किया और मामले की जांच सीओ रुड़की को सौंपी है.
21 सितंबर को हरिद्वार से लीक हुआ था पेपर
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तरीय परीक्षा का प्रश्नपत्र कथित रूप से लीक होने का मामला 21 सितंबर को हरिद्वार के आदर्श बाल इंटर कॉलेज से सामने आया था. इस मामले में मुख्य आरोपी खालिद मलिक और उसकी बहन साबिया को गिरफ्तार किया गया है.
मास्टरमाइंड ने ऐसे लीक कराया था पेपर
पुलिस के अनुसार, खालिद ने हरिद्वार के बहादुरपुर जट गांव में स्थित परीक्षा केंद्र से प्रश्नपत्र की फोटो लेकर अपनी बहन साबिया को भेजी. साबिया ने इन प्रश्नों को टिहरी की एक सहायक प्रोफेसर सुमन तक पहुंचाया, जिन्होंने इन उत्तरों को हल कर अभ्यर्थियों के लिए उपलब्ध कराए.