जनरल बोगी में सीट ना मिली तो लड़कों ने किया कॉल, कहा हैलो ट्रेन में बम है, उसके बाद कांड हो गया 

पुलिस पूछताछ में दोनों भाइयों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया. दीपक लुधियाना में मैकेनिक का काम करता है, जबकि अंकित नोएडा की एक फैक्ट्री में काम करता है. दोनों दिल्ली से ट्रेन में सवार हुए थे.

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कानपुरियों के बारे में कहा जाता है कि वो कभी भी कुछ भी कर सकते हैं. कुछ ऐसा ही हुआ जब ट्रेन की जनरल बोगी में सीट पाने की जद्दोजहद में दो सगे भाइयों ने ऐसी हरकत कर दी, जिससे न केवल कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर हड़कंप मच गया, बल्कि कई यात्रियों की जान भी आफत में आ गई. 

हुआ कुछ यूं कि सीट न मिलने से आजिज आकर दो भाइयों ने कंट्रोल रूम को फोन कर दिल्ली से आ रही आम्रपाली एक्सप्रेस में बम होने की झूठी सूचना दे दी. इस खबर से अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए और ट्रेन को आनन-फानन में कानपुर सेंट्रल पर रोककर सघन तलाशी अभियान चलाया गया. ट्रेन क़रीब 40 मिनट तक प्लेटफार्म पर खड़ी रही और यात्री परेशान हाल में यहां वहां भटकते रहे. 

गाड़ी संख्या 15708 आम्रपाली एक्सप्रेस प्लेटफार्म नंबर आठ पर पहुंची, पुलिस कमिश्नरेट कानपुर, जीआरपी, बम निरोधक दस्ता और फायर ब्रिगेड की टीमों ने ट्रेन को घेर लिया. यात्रियों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया और पूरी ट्रेन को खाली कराकर करीब 40 मिनट तक चप्पे-चप्पे की तलाशी ली गई. हालांकि, जांच में कोई भी विस्फोटक सामग्री नहीं मिली, जिसके बाद ट्रेन को गंतव्य के लिए रवाना किया गया.

जब पुलिस को कुछ हाथ ना लगा तब शुरू हुई जांच। जिस नंबर से बम की सूचना दी गई थी, पुलिस ने उसे सर्विलांस पर लगा दिया था. ट्रेन के रवाना होने के बाद जब फोन करने वाले ने अपना मोबाइल बंद कर लिया तो पुलिस को शक गहरा गया. शुक्रवार सुबह जैसे ही नंबर एक्टिव हुआ पुलिस ने लोकेशन ट्रेस कर फेथफुलगंज इलाके से दो युवकों, दीपक चौहान और अंकित चौहान को धर दबोचा. दोनों घाटमपुर के राह गांव के रहने वाले सगे भाई हैं.

पुलिस पूछताछ में दोनों भाइयों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया. दीपक लुधियाना में मैकेनिक का काम करता है, जबकि अंकित नोएडा की एक फैक्ट्री में काम करता है. दोनों दिल्ली से ट्रेन में सवार हुए थे. उन्होंने बताया कि जनरल बोगी में खचाखच भीड़ थी और उन्हें बैठने तक की जगह नहीं मिल रही थी. इटावा के पास सीट को लेकर कुछ लोगों से उनका झगड़ा भी हुआ था.

जीआरपी के अनुसार आरोपी दीपक ने बताया, मुझे लगा कि अगर मैं कंट्रोल रूम को फोन करके बम की सूचना दे दूंगा तो ट्रेन रुक जाएगी और शायद हमें सीट मिल जाएगी. कानपुर में ट्रेन रुकने पर भारी पुलिस बल देखकर दोनों डर गए और मोबाइल बंद कर ट्रेन से उतरकर पास के ही फेथफुलगंज में छिप गए. पुलिस ने बताया कि दोनों भाइयों का कोई आपराधिक इतिहास नहीं मिला है. हालांकि, मामले की गंभीरता को देखते हुए अब एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) भी दोनों से पूछताछ कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस अफवाह के पीछे कोई और मकसद तो नहीं था.

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वहीं एसीपी कैंट आकांक्षा पाण्डेय ने बताया कि 16 अक्टूबर की रात्रि को दीपक चौहान एवं अंकित चौहान पुत्रगण गुलाब सिंह, निवासी ग्राम राह, थाना घाटमपुर, जनपद कानपुर नगर द्वारा टेलीफोन के माध्यम से सूचना दी गई कि गाड़ी संख्या 15708 आम्रपाली एक्सप्रेस ट्रेन में बम रखा हुआ है. सूचना प्राप्त होने पर BDDS टीम, ACP कैंट, ACP LIU, SHO रेलबाजार, GRP एवं RPF टीम द्वारा तत्काल सक्रियता दिखाते हुए कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर उक्त ट्रेन का सघन चेकिंग अभियान चलाया गया. जांच के दौरान ट्रेन में कोई संदिग्ध वस्तु अथवा विस्फोटक सामग्री नहीं पाई गई. पूछताछ करने पर उपरोक्त दोनों युवकों ने बताया कि ट्रेन में बैठने को लेकर झगड़ा हुआ था, उसी बात को लेकर उन्होंने झूठी सूचना दे दी थी.

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