उत्तर प्रदेश के बरेली में जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा ने एक बड़ा रूप ले लिया है, जिसके बाद पुलिस ने 50 से ज़्यादा लोगों पर सख़्त कार्रवाई की है. हालांकि, इस पूरे विवाद के बीच सोशल मीडिया पर एक नई बहस छिड़ गई है, जो 'I Love Muhammad' लिखने को लेकर है.
अब सवाल यह उठाया जा रहा है कि जब "I Love Mahadev" कहना मोहब्बत और प्यार का इजहार माना जाता है, तो "I Love Muhammad" क्यों विवाद का मुद्दा बन रहा है. देवबंदी उलेमा ने इस पर अपनी राय स्पष्ट करते हुए कहा है कि किसी भी नाम के साथ 'I Love' लिखना सिर्फ प्यार का इजहार है, इसे अपराध या सियासत से नहीं जोड़ना चाहिए.
देवबंदी उलेमा कारी इसहाक गौरा ने कहा कि मोहब्बत को राजनीति का मुद्दा मत बनाइए. हिंसा किसी भी सूरत में सही नहीं है. Love को सिर्फ Love रहने दीजिए. उन्होंने आगे कहा कि हिंदुस्तानी लोग मोहब्बत के पुजारी हैं और उन्हें प्यार से कोई भी बात समझाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि इस्लाम भी हिंसा की इजाजत नहीं देता, इसलिए लोगों को नफरत की जगह मोहब्बत बांटनी चाहिए.
बरेली में हुई हिंसा भले ही चिंता का विषय हो, लेकिन उलेमा का स्पष्ट संदेश है—चाहे 'I Love Mahadev' कहा जाए या.' Love Muhammad', प्यार को प्यार ही रहने दिया जाए और उस पर राजनीति न की जाए.