Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश (UP) के कानपुर (Kanpur) में जीका वायरस ( Zika Virus)के मरीज की पुष्टि हुई है. मामले में केंद्र की टीम को कानपुर रवाना किया गया है. गौरतलब है कि 57 साल के एक व्यक्ति में जीका वायरस की पुष्टि हुई है. इसी माह 2 अक्टूबर को ये मरीज जीका के टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया था. गौरतलब है कि कोरोना महामारी के बीच इससे पहले, इसी साल जीका वायरस दक्षिण के राज्य केरल में चिंता का सबब बना था. केरल में इस वायरस के कई मामले सामने आए थे. यह संक्रमण एडीज मच्छरों द्वारा फैलता है, जो डेंगू और चिकनगुनिया के वाहक भी हैं.
जीका वायरस के संक्रमण के कुछ सामान्य लक्षण बुखार, शरीर में दर्द, दाने, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, अस्वस्थता या सिरदर्द हैं. इसके लक्षण आमतौर पर 2-7 दिनों तक रहते हैं और अधिकांश संक्रमित लोगों में लक्षण विकसित नहीं होते हैं.इसी क्रम में जुलाई माह में, महाराष्ट्र में जीका वायरस संक्रमण का पहला मामला सामने आया था. पुणे जिले के पुरंदर इलाके की 50 वर्षीय महिला जीका वायरस से संक्रमित पाई गई थी.
जीका वायरस संक्रमण एक मच्छर जनित वायरल संक्रमण है. यह मच्छरों की एडीज प्रजाति द्वारा फैलता है, आमतौर पर एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस इसके लिए जिम्मेदार होते हैं. एडीज मच्छर डेंगू और चिकनगुनिया के वायरस भी फैलाते हैं. जीका वायरस से संक्रमित व्यक्ति के खून को खाने से मच्छर संक्रमित हो जाता है. मच्छर तब अपने काटने से दूसरे लोगों में वायरस फैलाने में सक्षम होता है. जीका वायरस गर्भवती होने पर संक्रमित महिलाओं से पैदा हुए बच्चों में माइक्रोसेफली पैदा कर सकता है. माइक्रोसेफली एक दुर्लभ जन्म दोष है जिसमें बच्चे का सिर अपेक्षा से छोटा होता है, जो मस्तिष्क के विकास की समस्याओं से संबंधित हो सकता है. अन्य संभावित नकारात्मक गर्भावस्था परिणामों में नवजात शिशु में सुनने की समस्याएं और बिगड़ा हुआ विकास शामिल हैं.