विभिन्न बैराजों से छोड़े गए करीब 4.70 लाख क्यूसेक पानी और लगातार हो रही बारिश से सरयू नदी (Saryu River) एक बार फिर उफान पर है. सरयू के बढ़ते जलस्तर को देखकर किनारों पर बसे गांवों के ग्रामीणों की नींद उड़ गई है. दो दर्जन से अधिक गांव पानी से घिर गये हैं. शनिवार की सुबह से ही नदी के जलस्तर का बढ़ना जारी है. जिला प्रशासन के अनुसार सरयू नदी इस समय खतरे के निशान 92.730 मीटर के बदले 93.500 मीटर पर बह रही है. बाढ़ खंड और जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ क्षेत्रों की निगरानी की जा रही है. बाढ़ पीड़ितों को सहायता सामग्री भी बांटी जा रही है.
प्रशासन के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि सरयू नदी का जल स्तर बढ़ जाने से सरवरपुर, काशीपुर और अइलिया जुग्गाराम समेत दो दर्जन से अधिक गांव, चारों तरफ से पानी में घिर गये हैं. गांवों से निकलने वाले मुख्य रास्तों पर पानी भर गया है. बाढ़ का पानी घरों में घुस रहा है. केंद्रीय जल आयोग के अधिकारियों ने बताया है कि सरयू खतरे के निशान 92.73 मीटर से 77 सेन्टीमीटर से ऊपर 93.50 मीटर पर बह रही है. नदी के ऊपरी इलाकों में एल्गिन ब्रिज पर सरयू का जलस्तर अभी भी बढ़ रहा है. नदी का जलस्तर अभी और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. इससे पशुधन की भी हानि हो रही है.
सूत्रों ने यह भी बताया कि लगातार हो रही बारिश से शारदा, गिरिजा और सरयू बैराज से 7.72 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद बस्ती में बाढ़ की चेतावनी जारी करनी पड़ी. पहले से ही खतरे के निशान से 55 सेमी ऊपर पहुंच चुकी नदी का जलस्तर दो फीट तक बढ़ने की आशंका जताई गई है. इसे देखते हुए नदी और तटबंध के बीच बसे एक दर्जन गांवों में रहने वाले लोगों को गांव छोड़कर बाढ़ शरणालयों में जाने को कह दिया गया है. अतिसंवेदनशील तटबंध कटरिया-चांदपुर, गौरा-सैफाबाद पर पानी का दबाव बढ़ गया है.
जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने आज मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी और बाढ़ खंड के अधिकारियों के साथ पहुंच कर तटबंधों की निगरानी तेज करने और बाढ़ शरणालयों में जरूरी सामग्री उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की कोई परेशानी बाढ़ पीड़ितों को नहीं होनी चाहिए.