यूपी के सीतापुर में आदमखोर बाघ ने 40 गांवों में फैलाई दहशत, अबतक 2 की मौत

ग्रामीणों ने वन विभाग पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि बाघ देखे जाने पर सूचना देने के बावजूद वन विभाग समय पर कार्रवाई नहीं कर रहा है. लोगों में डर का माहौल बना हुआ है.

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आदमखोर बाघ ने अबतक दो लोगों को शिकार बनाया है. 
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  • यूपी के महोली इलाके में बाघ के कारण 40 गांव के लोग दहशत में हैं. इन्होंने खेतों में जाना भी बंद कर दिया है.
  • बाघ के हमले में 2 लोगों की मौत हुई है, जिसमें 22 वर्षीय सौरभ दीक्षित और 50 वर्षीय राकेश वर्मा शामिल हैं.
  • ग्रामीण रात में झुंड बनाकर गश्त कर रहे हैं. बाघ को पकड़ने के लिए जगह-जगह CCTV कैमरे लगाए गए हैं.
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सीतापुर:

उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से जंगली जानवरों का खौफ देखने को मिल रहा है. यूं तो कई जिलों में अलग-अलग जानवरों का आतंक फैला हुआ है. लेकिन आज हम आपको लखनऊ से सटे सीतापुर लेकर चलेंगे, जहां बाघ की दहशत से 40 गांव खौफजदा हैं. दूर-दूर तक फैले गन्ने के खेत इस वक्त डर का कारण बने हुए हैं. इन्हीं खेतों में छुपा बैठा है, आदमखोर बाघ. दावा है कि ये आदमखोर अकेला नहीं बल्कि अपने परिवार के साथ है. घात लगाए बस अपने शिकार की तलाश में है और गांव वाले ही इसका शिकार हैं.   

दो लोगों की हुई मौत 

आदमखोर बाघ ने अबतक दो लोगों को शिकार बनाया है. सीतापुर के महोली इलाके में बाघ ने सबसे पहले 22 साल के सौरभ दीक्षित को अपना निवाला बनाया. इसके बाद 50 साल के राकेश वर्मा को शिकार बनाया. राकेश वर्मा की पत्नी और बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल है. गांव के लोगों के अनुसार राकेश सुबह खेत पर काम करने गए थे. इसी दौरान झाड़ियों में छिपे बाघ ने अचानक उन पर हमला कर दिया. किसान के शोर मचाने पर आसपास मौजूद अन्य ग्रामीण मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक बाघ गंभीर रूप से घायल कर चुका था. आनन-फानन में परिजन और ग्रामीणों ने राकेश को अस्पताल ले जाने का प्रयास किया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

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महोली इलाके में बीते छह दिनों से वन विभाग की टीम बाघ को पकड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रही थी. ग्रामीणों का कहना है कि 22 अगस्त को भी इसी क्षेत्र में बाघ ने किसान शुभम को शिकार बनाया था. तब से ही गांव के लोग दहशत में जी रहे थे. कई बार ग्रामीणों ने खेतों में काम करना भी बंद कर दिया था.

इस घटना के बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश है. उनका कहना है कि वन विभाग और प्रशासन केवल दावे कर रहा है, लेकिन बाघ को पकड़ने में नाकाम साबित हो रहा है. क्षेत्र में रोजाना कांबिंग और पिंजरे लगाने के बावजूद बाघ को वन विभाग की टीम को चकमा देकर घूम रहा है और लगातार लोगों पर हमला कर रहा है.

झुंड बनाकर गश्त दे रहे गांववाले

इस घटना के बाद से गांव के लोगों के मन में डर बस गया है. दहशत ऐसी फैल गई है कि लोग घरों से अकेल निकल ही नहीं रहे हैं. रात में ग्रामीण झुंड बनाकर गश्त करने निकल रहे हैं. ग्रामीणों की तरफ से जगह-जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. वहीं वन विभाग की तरफ़ से थर्मल कैमरा इंस्टॉल किया गया है. हालांकि ग्रामीणों ने वन विभाग पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि बाघ देखे जाने पर सूचना देने के बावजूद वन विभाग समय पर कार्रवाई नहीं कर रहा है. 

एक नहीं पांच बाघ हैं

ग्रामीणों का दावा है कि एक नहीं बल्कि कुल पांच बाघ हैं. पूरा बाघ का परिवार है. ये एक बाघ है या पांच, ये तो वक्त बताएगा. लेकिन इनके हमले में एक हफ़्ते में दो शिकार हुए हैं.

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