UP Politics: महाराणा प्रताप की जयंती पर सीएम योगी और अखिलेश आमने-सामने

अखिलेश ने योगी सरकार से दो दिनों की छुट्टी की मांग की. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनी तो गोमती रिवर फ्रंट पर महाराणा प्रताप की मूर्ति लगेगी. 

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अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ मंच से उतर रहे थे. ठीक उसी समय अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी ऑफिस में बने हॉल की तरफ बढ़े. दोनों नेता शुक्रवार को महाराणा प्रताप की जयंती मनाने निकले थे. बीजेपी वाले 3 दिनों से कार्यक्रम की तैयारियों में जुटे थे. महाराणा प्रताप की जयंती समाजवादी पार्टी वाले हर साल मनाते हैं. लेकिन इस बार भी ये आयोजन होगा, इसपर संशय था. अखिलेश यादव इन दिनों अलग पॉलिटिकल लाईन पर हैं. वे योगी आदित्यनाथ के बहाने ठाकुर बनाम पीडीए की लड़ाई लड़ रहे हैं. 

राणा सांगा के खिलाफ बयान देकर रामजी लाल सुमन विवाद में हैं. लेकिन अखिलेश यादव उनके पीछे पूरी ताक़त से खड़े हैं. समाजवादी  पार्टी के राज्य सभा सांसद सुमन दलित हैं और वह जाटव बिरादरी से आते हैं. करणी सेना के इस विवाद में कूदने से मामला और पेचीदा हो गया है. सुमन के समर्थन और सम्मान के बहाने अखिलेश यादव की रणनीति दलित वोट बटोरने की है. ऐसे माहौल में राणा प्रताप की जयंती मनाने की छोड़िए, सोचना भी दूर की बात थी. लेकिन अखिलेश यादव ने सबको चौंका दिया. 

अखिलेश ने CM पर साधा निशाना

समाजवादी पार्टी का मीटिंग हॉल शुक्रवार को क्षत्रिय नेताओं से भरा था. मंच पर भी अखिलेश यादव के चारों तरफ ठाकुर बिरादरी के नेता थे. आयोजन की ज़िम्मेदारी अखिलेश ने अपने क़रीबी नेता उदयवीर सिंह को दी थी. मंच पर मौजूद नेता पगड़ी में थे, कार्यक्रम में पहुंचने से पहले अखिलेश ने योगी आदित्यनाथ वाला कार्यक्रम देख और सुन लिया था. मतलब होम वर्क कर लिया था. इसीलिए मंच पर पहुंचते ही बोले कि मेरे साथ इतने क्षत्रिय लोगों को देख कर कुछ लोग हैरान-परेशान हो जायेंगे.

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लेकिन उनके साथ जो लोग खड़े हैं उनके बारे में बोलना नहीं चाहता. वे महापुरुष को नमन करने गए हैं और किस तरह के लोगों को साथ रखा है. अखिलेश यादव का इशारा राकेश परनीत सिंह और अभय सिंह की तरफ था. ये दोनों समाजवादी पार्टी में थे. अखिलेश यादव के करीबी माने जाते थे. पर पिछले साल राज्य सभा चुनाव में दोनों विधायकों ने पाला बदल कर बीजेपी का साथ दिया. 

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इसी हफ्ते ली थी ब्राह्मण समाज की बैठक

अखिलेश यादव पीडीए की राजनीति कर रहे हैं. पर इसी हफ़्ते उन्होंने ब्राह्मण समाज की बैठक की. फिर अब महाराणा प्रताप की जयंती. जब यूपी में उनकी सरकार थी, तब जयंती पर सरकारी छुट्टी होती थी. यूपी में बीजेपी की सरकार बनने के बाद ये व्यवस्था बंद हो गई. अखिलेश ने योगी सरकार से दो दिनों की छुट्टी की मांग की. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनी तो गोमती रिवर फ्रंट पर महाराणा प्रताप की मूर्ति लगेगी. 

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कल्याण सिंह से योगी ने की थी मूर्ति लगाने की मांग

योगी सरकार ने महाराणा प्रताप की जयंती पर लखनऊ के एक चौराहे का नाम उनके नाम कर दिया. चौराहे पर लगी मूर्ति कल्याण सिंह की सरकार में लगी थी. ये बात साल 1998 की है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि मूर्ति लगाने की मांग उन्होंने ही कल्याण सिंह के की थी. उन दिनों वे गोरखपुर से लोकसभा के सांसद थे. गोरखपुर में भी महाराणा प्रताप की एक मूर्ति उन्होंने लगवाई थी. उसका उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया था. वे तब यूपी बीजेपी के अध्यक्ष थे. 

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महाराणा प्रताप की जयंती के कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ के साथ कई क्षत्रिय नेता थे. ट्रांसपोर्ट मंत्री दयाशंकर सिंह से लेकर उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह तक. लेकिन मंच से बोलने का मौक़ा ब्रजलाल को मिला. वे बीजेपी के दलित सांसद हैं. इन दिनों उनका बड़ा डिमांड है. यूपी के डीजीपी रहे बृजलाल को आगे कर पार्टी दिव्य समाज को मैसेज देना चाहती है. कहते हैं राजनीति में संदेश सही समय पर सही जगह पहुंच जायें तो फिर गुड लक होता है.

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