व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी समाज का बहुत नुकसान कर रही है, यह बात यूपी पुलिस (UP Police) मान रही है. इसी के चलते उत्तर प्रदेश पुलिस सोशल मीडिया (Social Media) पर हेट स्पीच (Hate Speech) करने वाले नफरतियों को खोज रही है. ये नफरती कौन हैं और पुलिस इन पर क्या कार्रवाई कर रही है? एनडीटीवी ने गाजियाबाद और नोएडा में इसका जायजा लिया.
गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह कहते हैं कि ''इस व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी ने आज समाज का बहुत बड़ा नुकसान किया है.'' वे हिन्दू-मुस्लिम धर्मगुरुओं के सामने ये मान रहे हैं कि व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी पर चल रही झूठी धार्मिक बातें पुलिस के लिए बड़ा सिरदर्दी साबित हो रही हैं. धर्म की बातें धर्म गुरुओं से करनी चाहिए न कि व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी से लेना चाहिए.
लेकिन ये सोशल मीडिया के नफरती हैं कौन? गाजियाबाद में हिंदुओं के स्वयंभू रक्षक दल के मुखिया पिंकी चौधरी हैं. उनके पास 50 से 60 युवाओं की फौज है जिसके जरिए वे JNU में मारपीट करने से लेकर सोशल मीडिया पर मुसलमानों के खिलाफ जहर फैलाने तक का काम कथित तौर पर करते हैं. नूपूर शर्मा के विवादित बयान के बाद उनके खास सहयोगी अन्नू चौधरी को हेट स्पीच देने के मामले में जेल भेज दिया गया. पिंकी चौधरी इसका विरोध करने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंच गए.
पिंकी चौधरी से सवाल करने पर कि अन्नू चौधरी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली थी? जवाब मिला - ''हां तो क्या हुआ? अन्नू चौधरी ने नूपूर शर्मा के समर्थन में पोस्ट डाली थी. लाखों लोगों ने डाली थी, तो क्या सबको जेल भेजोगे?'' क्या आप समाज में नफरत नहीं फैला रहे हैं? इस सवाल पर पिंकी ने कहा ''मैं चाहता हूं नफरत फैले, इस्लाम की सच्चाई सबके सामने आए.''
हिन्दू रक्षक दल के नाम से पिंकी चौधरी कई साल से मुसलमानों के खिलाफ जहर उगलते आए हैं. यहीं से करीब 20 किमी दूर ट्रोनिका सिटी में कबाड़ का काम करने वाले फुरकान कबाड़ी नाम के एक नौजवान टिकटॉकर को भी जेल भेजा गया है. वह नूपुर शर्मा को जान से मारने की धमकी दे रहा था.
नूपुर शर्मा के बयान के बाद गाजियाबाद पुलिस ने बीते चार दिनों में 32 सोशल मीडिया एकाउंट बंद काराए, जबकि अन्नू चौधरी और फुरकान कबाड़ी जैसे 13 नफरतियों को जेल भेजा गया है. गाजियाबाद के एसएसपी मुनीराज ने कहा कि ''हमारी साइबर सेल लगातार मॉनिटर कर रही है. हेट स्पीच वालों के एकाउंट बंद करवाए जा रहे हैं और हैबिचुअल हेट स्पीच वालों को जेल भेजा जा रहा है.''
फिलहाल पुलिस सोशल मीडिया पर एक दूसरे धर्म के खिलाफ नफरत फैलाने वालों की सख्ती से खोजबीन कर रही है. पहले पुलिस अपराधियों से लाठी, डंडे और बंदूक के दम पर निपटती थी लेकिन सोशल मीडिया के जरिए नफरती नाम के अलग किस्म के अपराधियों का गैंग सक्रिय है और इन नफरतियों से निपटने के लिए पुलिस को जहां नए तौर तरीके अपनाने पड़ेंगे वहीं हमें भी इनसे बचे रहना है.
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