यूपी के पंचायत चुनाव में संत कबीर नगर के एक बीडीसी मेंबर को जबरदस्ती वोट डलवाने के लिए उसे उसके पिता की शवयात्रा से किडनैप कर लिया गया है. पुलिस उसे ढूंढ रही है. और घर वाले नदी किनारे चिता सजा कर बैठे हैं कि बेटा आये तो पिता को मुखाग्नि दे. संत कबीर नगर के ठाठर गांव के अजय पंचायत चुनाव में बीडीसी मेंबर बन गए है. उन्हें अपने ब्लॉक के ब्लॉक प्रमुख को चुनने के लिए वोट देना है.
अजय जिस पार्टी के हिमायती हैं उस पार्टी के लोग उन्हें दूसरे दल वालों से बचाने के लिए वाराणसी ले गए थे. लेकिन जैसे ही उनकी पार्टी वालों को अजय के पिता के गुजरने की खबर लगी उन्होंने उसे पिता के अंतिम संस्कार में जाने के लिए फौरन वापस घर भेज दिया. शुक्रवार दोपहर अजय पिता की शवयात्रा लेकर सरयू किनारे अंतिम संस्कार के लिए जा रहा था. काफी दूर तक वो पिता की अर्थी को खुद कंधा देता रहा. लेकिन एक जगह थक कर जैसे ही उसने अर्थी से कंधा हटाया और पीछे पीछे चलने लगा, तभी कार सवार कुछ लोग उसे अग़वा कर ले गए.
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अजय के चाचा ने एनडीटीवी से कहा, 'कैसा कलयुग आ गया है कि अब शवयात्रा में भी किडनैपिंग होने लगी है. हे भगवान! ऐसा चुनाव कभी नहीं देखा.'
इस कांड के बाद अजय के घर वाले उसके पिता के शव को सरयू तट ले जाने के बजाए, सीधे इलाके के घनघटा थाने पहुंचे और अजय के अपहरण की तहरीर दी. घनघटा के सर्किल ऑफीसर अंशुमान ने बताया कि, 'पिता की शवयात्रा से अजय के अपहरण की सूचना मिली है. पुलिस उनको ढूंढेगी. और जो लोग भी इसके दोषी हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्यवाई की जाएगी.'
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बाद में अजय के घर वाले उसके पिता का शव लेकर सरयू के घाट पर पहुंचे और इंतजार करते रहे कि शायद अजय किसी तरह उनके चंगुल से छूट कर आ जाये तो पिता को मुखाग्नि दे. लेकिन अजय नहीं आया.
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