गाजियाबाद में कोरोना का कहर, मेयर, DM और CMO समेत 50 से ज्यादा अफसर कोविड पॉजिटिव

गाजियाबाद के कार्यकारी जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने कहा कि हमारे तीस से चालीस फीसदी लोग बीमार हैं. इससे थोड़ी दिक्कत हो रही है, लेकिन आक्सीजन के मामले में व्यवस्था काफी सुधरी है.

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(प्रतीकात्मक तस्वीर)
गाजियाबाद:

कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के चलते प्रशासनिक महकमों पर जहां काम का दबाव है वहीं दूसरी तरफ अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक कोरोना से संक्रमित होकर बीमार पड़ रहे हैं. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद (Ghaziabad) की मेयर से लेकर डीएम, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO), SDM तक कोरोना पॉजिटिव हैं. इस वक्त 50 से ज्यादा अधिकारी कोरोना से संक्रमित हैं. कोरोना संक्रमण ने कैसे प्रशासनिक कामकाज पर असर डाला है देखिए रवीश रंजन शुक्ला की ग्राउंड रिपोर्ट. 

गाजियाबाद के CMO आफिस में दर्जनों कर्मचारी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए किट तै़यार करने में जुटे हैं. कोरोना पॉजिटिव मरीज और उनके परिजनों के लिए हर रोज ढाई हजार किट बांटने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की थी, लेकिन तमाम लोगों के संक्रमित होने के चलते अब पशुपालन विभाग के कर्मचारियों को दवाओं की किट तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी है. 

पशुपालन विभाग के फार्मासिस्ट मनोज पंवार ने कहा कि दवा की किट में एजइथ्रो माइसिन एवर मेक्टिन के साथ कोरोना की दूसरी दवा रखते हैं. ढाई हजार पैकेट गांव कस्बों और शहरों में बांटा जा रहा है. 

कोरोना संक्रमण के चलते गाजियाबाद में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है और ऑक्सीजन की खपत जहां पहले 7 टन थी, वो अब बढ़कर 45 टन पर पहुंच गई है. शनिवार को ऑक्सीजन की परेशानी को लेकर डाक्टरों की बैठक हो रही है, लेकिन जिले के डीएम और CMO कोरोना पॉजिटिव होने के चलते GDA के उपाध्यक्ष कृष्णा करुणेश इनकी बैठक ले रहे हैं. हालांकि, उनकी मदद के लिए लखनऊ से भी टीम आई, लेकिन 30 फीसदी से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारियों के लगातार बीमार पड़ने से इस वक्त प्रशासनिक अमले पर खासा दबाव है.

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गाजियाबाद के कार्यकारी जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने कहा कि हमारे तीस से चालीस फीसदी लोग बीमार हैं. इससे थोड़ी दिक्कत हो रही है, लेकिन आक्सीजन के मामले में व्यवस्था काफी सुधरी है. हमने नर्सिंग होम को भी बोला है कि अगर आप बेड बढ़ाते हैं तो हमें भी सूचित करें. 

कोरोना का संक्रमण आम लोगों के साथ ही मंत्री, विधायक और अधिकारियों को भी अपना शिकार बना रहा है. इसीलिए अधिकारी भी अपील कर रहे हैं कि बुखार और सांस में तकलीफ के लक्षण दिखने पर दवा खाना शुरू कर दें और मास्क पहने रखें ताकि अस्पताल की जरूरत लोगों को कम से कम पड़े.

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