उत्तर प्रदेश सरकार ने बरेली के एक निजी अस्पताल में तोतलेपन का इलाज कराने पहुंचे ढाई साल के एक बच्चे का खतना करने के मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच के लिये एक टीम गठित कर दी है.
उप्र के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (जिनके पास स्वास्थ्य विभाग भी है) ने शनिवार को हिंदी में किये गये एक ट्वीट में कहा, 'बरेली जिले के एम.खान अस्पताल में बच्चे की जीभ का ऑपरेशन करने के बजाय खतना किये जाने संबंधी प्रकरण को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए मैंने अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ स्वास्थ्य विभाग की एक टीम भेजकर जांच कराने का निर्देश दिया है.''.
पाठक ने कहा कि शिकायत सही पाए जाने पर दोषी चिकित्सक के विरुद्ध मामला दर्ज कराने तथा उक्त अस्पताल का तत्काल प्रभाव से रजिस्ट्रेशन निरस्त करने समेत कार्रवाई की पूरी रिपोर्ट 24 घंटों के अंदर उपलब्ध कराने के आदेश बरेली के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दिये गये हैं.
इस बीच, बरेली के जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच टीम की रिपोर्ट आने के बाद ही अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा कि घटना के दिन ही तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन कर दिया गया था.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर बलबीर सिंह ने बताया कि एक परिवार अपने बच्चे के तोतलेपन का इलाज कराने के लिए उसे एम खान अस्पताल ले गया था.
बच्चे के परिवार का आरोप है कि गत शुक्रवार को अस्पताल के चिकित्सकों ने बच्चे का इलाज करने के बजाय उसका खतना कर दिया.
इस मामले में शहर के हिंदू संगठनों के सदस्यों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विरोध प्रदर्शन किया और अस्पताल के खिलाफ नारेबाजी की थी.