यूपी के बांदा की शहजादी अबूधाबी की जेल में पिछले 2 साल से बंद है. 15 तारीख को अचानक शहजादी के पिता शब्बीर खान बताते हैं कि उनकी बेटी ने उन्हें फोन किया और कहा कि ये उसका लास्ट कॉल है. जेल में फांसी की सजा देने के लिए उसे अलग कमरे में कर दिया गया है. ये सुनते ही शब्बीर और उनकी पत्नी फफक-फफक कर रोने लगे. ये कोई आश्चर्यजनक बात भी नहीं थी, जिनकी बेटी को विदेश में फांसी हुई हो, वे असहाय महसूस कर रहे हों, कुछ कर न पा रहे हों तो समझ ही सकते हैं कि दर्द कितना गहरा होगा. अब सवाल ये है कि उनके पिता ने बताया था कि शहजादी को फांसी आज शाम या सुबह हो जाएगी. ये बात 15 फरवरी की है तो क्या शहजादी को फांसी हो गई है? इस बाबत विदेश मंत्रालय से जानकारी मिली है, जो शहजादी के माता-पिता के लिए थोड़ी राहत की बात जरूर हो सकती है. या यूं कहें कि ये खबर बेसहारा माता-पिता के लिए उम्मीद तो है ही. उनकी बेटी इस दुनिया में है और वे अपनी लड़ाई आगे जारी रख सकते हैं.
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक- ये रिपोर्ट गलत है कि शहजादी को फांसी दे दी गई है. दूतावास ने यूएई अधिकारियों से इसकी पुष्टि की है और शहजादी के मामले में रिव्यू पीटिशन दायर की गई है. ये मामला विचाराधीन है. साथ ही ये भी बताया कि दूतावास की इस मामले पर लगातार नजर है.
बाएं उजैर, दाएं शहजादी
खैर, पिता ने जब आखिरी बार मीडिया से बात की थी तो उन्होंने बताया था कि उनकी बेटी के लिए वह दिल्ली से लेकर यूपी तक सब जगह गए. मदद मांगी, उन्हें कहीं से मदद नहीं मिल पाई. अब ये खबर कहीं न कहीं शहजादी के लिए अंधेरे से भरे आकाश में उजाले की एक किरण भर तो है ही.
माता-पिता के पास शहजादी का आया था फोन
शहजादी ने अपने 'लास्ट कॉल' में कहा था कि पापा सलाम वालेकुम. ये कहकर शहजादी रोने लगती है. बहुत बार पूछने पर पिता से कहती है कि हमारा टाइम खत्म हो गया है. बस ये लाइन सुनते ही मां-बाप रोने लगते हैं. बहुत पूछने पर बेटी बताती है कि अब टाइम नहीं है. सब खत्म हो गया. जेल के कैप्टन ने हमें अलग रूम में कर दिया है. पता नहीं दोबारा फोन कर पाएंगे या नहीं. आप लोग अच्छे से रहना. किसी से दुश्मनी मोल मत लेना.
पूरी बातचीत में बेटी और मां-बाप रोते-बिलखते हैं, अल्लाह से दुआ करते हैं. मां-बाप शहजादी से ये भी कहते हैं कि बेटा हमें माफ कर दो, हम तुम्हारे लिए कुछ नहीं कर पा रहे. पिता और मां ये भी कहते हैं कि बेटी वीडियो कॉल कर ले हम तुझे देखना चाहते हैं, लेकिन शहजादी कहती है, इसकी परमिशन नहीं है. ये बातचीत करीब 10 मिनट चलती है, इसके बाद फोन कट जाता है.
शहजादी के माता-पिता
समझें पूरा मामला क्या है
बता दें कि 2021 में बांदा की रहने वाली शहजादी को इलाज और अच्छी जिंदगी के सपने दिखाकर अबूधाबी भेजा गया था. दरअसल, बचपन (8 साल की थी) में किचन में काम करते हुए शहजादी बुरी तरह जल गई थी, जिसमें उसका चेहरा भी झुलस गया था, जिसकी वजह से वह काफी दुखी रहती थी. वह सामाजिक संस्था रोटी बैंक में काम करती थी. इसी बीच 2020 में सोशल मीडिया पर उनकी मुलाकात आगरा के रहने वाले उजैर से हुई.
उजैर के प्रति शहजादी का विश्वास और लगाव बढ़ता गया. 2021 में इलाज के बहाने उजैर शहजादी को आगरा ले गया और वहां उसका दुबई के रहने वाले फैज और नाजिया के हाथों में सौदा कर दिया. दरअसल, शहजादी प्लास्टिक सर्जरी करवाकर अपने चेहरे को ठीक करवाना चाहती थी. वह दुबई चली गई.
दुबई में वह फैज और नाजिया के बच्चे की देखभाल करने लगी. इसी 4 महीने के बच्चे के कत्ल का आरोप शहजादी पर है. वहीं शहजादी के मां-पिता का कहना है कि उनकी बेटी बेकसूर है. बच्चे की मां ने उसे इंजेक्शन लगवाया था, उसी के रिएक्शन से बच्चे की मौत हुई. मां-बाप ने ये भी आरोप लगाया कि बच्चे को बिना पोस्टमार्टम के दफना दिया गया.
फैज और नाजिया की भी अपनी कहानी है
वहीं फैज और नाजिया का कहना है कि उन्हें बच्चे की देखभाल के लिए एक नैनी चाहिए थी. उन्होंने अपने आगरा के रिश्तेदार को नैनी का इंतजाम करने को कहा. उजैर ने शहजादी को भेज दिया. जब शहजादी से वीडियो कॉल के जरिए बात हुई थी तो उन्होंने सैलरी बता थी, जिस पर वह तैयार हो गई थी.नाजिया और उजैर के मुताबिक- शहजादी ने अपना जुर्म स्वीकार किया है.उसने पहले पुलिस और फिर कोर्ट के सामने ये कहा था कि बच्चे की हत्या उसी ने की है.परिवार का कहना है कि उनका परिवार बच्चे के गम में सदमे में है.
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