यूपी में शिक्षकों की भर्ती के लेकर विवाद हो गया है. यूपी सरकार की तरफ से जानकारी दी गई कि जल्द ही 1 लाख 93 हज़ार टीचर की नौकरी की प्रकिया शुरू होगी. बताया गया कि तीन चरणों में ये भर्ती होगी. हर फेज में 65 हज़ार शिक्षकों को सरकारी नौकरी दी जाएगी. यूपी सरकार ने सोशल मीडिया साइट X पर ये पोस्ट किया. लेकिन कुछ समय बाद ये पोस्ट डिलीट कर दिया गया. पर तब तक हज़ारों लोग इसे शेयर कर चुके थे. कई न्यूज़ बेवसाइट पर भी ये खबर छप चुकी थी. सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि गलती ये से जानकारी पोस्ट कर दी गई थी. ये पोस्ट @upgovt हैंडल से किया गया था.
सरकारी नौकरी एक बड़ा मुद्दा रहा है. यूपी सरकार की एक गलती ने विपक्ष को बैठे-बिठाए एक एजेंडा दे दिया है. अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि यूपी की बीजेपी सरकार के लिए सरकारी नौकरी कभी भी एजेंडे में नहीं रही है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने सोशल मीडिया में लिखा उप्र में जिस तरह से नौकरियों के बारे में की गई पोस्ट डिलीट कर दी गई है, वैसे ही नौकरियां भी उप्र से डिलीट कर दी गई हैं. लगभग 2 लाख पदों की भर्ती की पोस्ट लगभग 2 दिन के लिए तो पोस्ट करके रखते. यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि बीजेपी का मतलब ही है बड़का झूठा पार्टी. न तो इन्हें नौजवानों की चिंता है न महिला की और न किसान की. लाखों नौजवान शिक्षक पात्रता परीक्षा पास कर घर बैठे हैं
यूपी सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि राज्य में शिक्षकों की भर्ती की प्रकिया लगातार जारी है. पिछले तीन सालों में 5856 सरकारी टीचर भर्ती किए गए हैं. इसी साल यूपी विधानसभा में एक सवाल के जवाब में ये जानकारी दी गई थी. उसी समय ये भी बताया गया कि यूपी में प्राइमरी टीचर के 57 हज़ार पद खाली हैं. यूपी सरकार की तरफ से ये बताया गया कि शिक्षा मित्रों को जोड कर टीचर और स्टूडेंट अनुपात 22:1 है. ये आंकड़ा मानक के आसपास है.