उत्तर प्रदेश में डिटेंशन सेंटर बनाने के आदेश के बाद अब इस फैसले को लेकर राजनीति गर्म हो गई है. मुरादाबाद से सपा सांसद रुचि वीरा ने इसे लोगों में डर पैदा करने वाला कदम बताया है. उन्होंने कहा कि यूपी में घुसपैठ का मामला पहले जगहों जैसा नहीं है, इसलिए इस फैसले के पीछे सरकार की नीयत पर सवाल उठते हैं. सपा सांसद रुचि वीरा ने कहा कि डिटेंशन सेंटर का फैसला सिर्फ माहौल में खौफ पैदा करने जैसा लग रहा है. उनका कहना है कि अगर बात बिहार या बंगाल की होती तो अलग बात थी, लेकिन यूपी में ऐसा कुछ दिखाई नहीं देता. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही है.
इतना ही नहीं उन्होंने महाराष्ट्र के एक कॉलेज में नमाज़ पढ़ने को लेकर हुए विवाद पर भी उन्होंने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि पूजा-इबादत के लिए मंदिर-मस्जिद बने हुए हैं, कॉलेज इस काम के लिए नहीं है लेकिन अगर किसी ने नमाज़ पढ़ ली तो उसमें बुराई क्या है? जहां भी पूजा या इबादत होती है, माहौल अच्छा ही होता है.
दिल्ली ब्लास्ट केस में डॉक्टरों के नाम सामने आने पर उन्होंने कहा कि सच्चाई जांच के बाद ही सामने आएगी, लेकिन अब भरोसा करना मुश्किल हो गया है कि जो कुछ हो रहा है, वह ठीक हो रहा है या नहीं. पढ़े-लिखे लोगों से ऐसी घटनाओं की उम्मीद नहीं की जाती. SIR को लेकर उन्होंने कहा कि अगर बीएलओ ईमानदारी से काम नहीं कर रहे तो उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. लेकिन प्रक्रिया में जल्दबाज़ी नहीं होनी चाहिए और समय भी बढ़ाया जाना चाहिए ताकि लोग अपना वोट सही तरह से बनवा सकें. किसी पर दबाव डालकर ऐसा काम नहीं होना चाहिए.
बंगाल और महाराष्ट्र के नेताओं के मंदिर-मस्जिद बनाने वाले बयानों पर उन्होंने कहा कि राजनीतिक लोगों को सड़क, अस्पताल और पुल बनाने की बात करनी चाहिए. धार्मिक जगहों का निर्माण धार्मिक संगठनों पर छोड़ देना चाहिए. आज़म खान पर लगे 300 से ज़्यादा मुकदमों को लेकर उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि एक ही परिवार को इस तरह निशाना बनाया गया हो. उन्होंने इसे दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया.














