SSC नहीं सुधरेगा, कोई उम्मीद नहीं... 'एसएससी फेज 13' री एग्जाम देकर निकले छात्रों का दर्द सुनिए

SSC Phase 13 Re-Exam: हरियाणा के शख्स ने कहा कि पहले बच्चों की लाइव मॉनिटरिंग हुई थी. उनकी वेरिफिकेशन कराई गई, सबकुछ बढ़िया था. इस बार बहुत बड़ा बदलाव हुआ है. बच्चों की लाइव मॉनिटरिंग नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि खेल के बीच में रूल नहीं बदले जाते फिर ये रूल क्यों बदला गया.

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SSC Phase 13 Re-Exam में गड़बड़ी के आरोप.
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  • SSC ने तकनीकी गड़बड़ियों के चलते 29 अगस्त को फेज 13 की परीक्षा तीन पालियों में फिर आयोजित की थी.
  • छात्रों ने री एग्जाम में सर्वर हैंग होने और समय नहीं बढ़ाए जाने की शिकायत की है.
  • हर शिफ्ट के लिए छात्रों से बैग जमा करने के नाम पर 30-30 रुपये वसूले जाने का आरोप लगा है.
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ग्रेटर नोएडा:

एसएससी परीक्षा में गड़बड़ियों के आरोप के बीच SSC ने 29 अगस्त को यह एग्जाम (SSC Phase 13 Re-Exam) तीन पालियों में फिर से आयोजित किया था. दरअसल एसएससी सिलेक्शन पोस्ट फेज 13 के छात्रों ने तकनीकी गड़बड़ियों की शिकायत की थी.  जिस पर एक्शन लेते हुए यह परीक्षा SSC ने फिर से आयोजित करवाई थी. लेकिन छात्रों का कहना है कि अब भी कोई सुधार नहीं हुआ. हालात वैसे ही हैं.  सर्वर हैंग से लेकर दूसरी व्यवस्थाएं वैसी ही हैं. छात्र री एग्जाम में भी गड़बड़ी के आरोप लगा रहे हैं.
 

SSC री एग्जाम में भी गड़बड़ी के आरोप

ग्रेटर नोएडा में पेपर देकर लौटे लखनऊ के एक छात्र ने कहा कि पेपर के बीच में पांच मिनट के लिए सर्वर चला गया था. जिससे उनका सिस्टम हैंग हो गया था. लेकिन उनको समय उतान ही दिया गया, उसे बढ़ाया नहीं गया.  छात्र ने कहा कि उतने कम समय में कोई भी पैनिक हो जाएगा. उन्होंने SSC और सरकार से पूछा कि अगर पैसे बचाने ही हैं तो बच्चों  के ऊपर क्यों बचाए जा रहे हैं. उनको बेकार सिस्टम क्यों दिए जा रहे हैं. यूथ के साथ खिलवाड़ क्यों हो रहा है.

फिर सिस्टम हैंग हुआ, फूटा छात्रों का गुस्सा

छात्र ने बताया कि 5 मिनट के लिए उसका सिस्टम हैंग हो गया था, जिसकी वजह से वह कुछ भी पढ़ नहीं पा रहे थे. लेकिन उनके पास टाइम उतना ही था. उतने समय में तो कोई भी सीरियस छात्र पैनिक हो जाएगा. क्यों कि वह यह बात अच्छी तहर से समझ सकता है कि 2-3 मिनट में सवाल बन जाते हैं. छात्र ने आरोप लगाया कि उनके बैग जमा करने के लिए भी हर शिफ्ट के लिए 30-30 रुपये वसूले जा रहे हैं, इस पर कोई कुछ क्यों नहीं बोलता.

वहीं हरियाणा से आए एक शख्स ने आरोप लगाया कि एग्जाम लेना तो बहाना है. एसएससी का मकसद एग्जाम सेंटर्स को मालामाल करना है. सिक्योरिटी गार्ड और पर्याप्त मेन पावर है, सामान रखने के लिए जगह है और बड़ी बिल्डिंग है, इसके बाद भी हर बच्चे से 30 रुपये वसूले जा रहे हैं. अगर एक बच्चा तीन शिफ्ट में एग्जाम दे रहा है तो उसके 100 रुपये तो सामान रखने में ही चले गए. ये एग्जाम सेंटर्स को मालामाल करने का एक जरिया है. ये कहते हुए दुख हो रहा है कि SSC कभी नहीं सुधरेगा. एसएससी की हालत बुरी है.

बच्चों की लाइव मॉनिटरिंग नहीं हुई

हरियाणा के शख्स ने कहा कि पहले बच्चों की लाइव मॉनिटरिंग हुई थी. उनकी वेरिफिकेशन कराई गई, सबकुछ बढ़िया था. इस बार बहुत बड़ा बदलाव हुआ है. बच्चों की लाइव मॉनिटरिंग नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि खेल के बीच में रूल नहीं बदले जाते फिर ये रूल क्यों बदला गया. उन्होंने कहा कि एसएससी एग्जाम को सफलतापूर्ण कर पाएगा इस बत की उनको अब भी कोई उम्मीद नहीं है.

बारिश में लेट होने पर एंट्री नहीं दी गई

उन्होंने कहा कि इस बार भी छात्रों के की बोर्ड काम नहीं करने, सर्वर हैंग होने समेत तमाम समस्याएं आई हैं. यह एग्जाम सेंटर भी बहुत दूर थता और बहुत गंदा भी. जरा सा लेट होने पर बच्चों को एंट्री नहीं दी गई. इतनी तेज बारिश के बीच लेट होने पर बच्चों को एंट्री नहीं मिली. बच्चे रोते हुए वापस गए. दोबारा एग्जाम होने पर भी कोई सुधार नहीं है. उन्होंने कहा कि 55 हजार बच्चों का दोबारा कराया गया ये एग्जाम सिर्फ दिखावा है और बच्चों के साथ धोखा है.
 

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