उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में जिला प्रशासन ने एक मां-बेटे पर मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में दो अलग-अलग नामों से गणना पत्र भरने पर मुकदमा दर्ज कराया है. यह एफआईआर एसआईआर के सुपरवाइजर ने दर्ज कराई है. कोतवाली पुलिस में यह एफआईआर दर्ज कराई गई है. इसमें लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, 1951 और 1989 की धारा 31 लगाई गई हैं. इन दिनों उत्तर प्रदेश में एसआईआर का काम चल रहा है. उत्तर प्रदेश में एसआईआर का काम 26 दिसंबर तक चलेगा.
कहां और किसने दर्ज कराया है एफआईआर
कोतवाली में दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया है कि आरोपियों ने दो अलग-अलग नाम से वोट बनवाने के लिए भरे गए गणना पत्र भरा गया. इस मामले में आफताब आलम की पत्नी शमीम जहां और बेटे मोहम्मद रहीश को आरोपी बनाया गया है.दोनों सराय गुलजारीमल के रहने वाले हैं. इस मां-बेटे की शिकायत एसआईआर के सुपरवाइजर राजीव प्रकाश ने की थी.
सुपरवाइजर की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर की कॉपी.
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उत्तर प्रदेश में बढ़ाई गई एसआईआर की समय सीमा
चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश में एसआईआर की समय सीमा बढ़ाकर 26 दिसंबर तक कर दिया है. उस दिन तक गणना प्रपत्र जमा हो सकेंगे.उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 28 फरवरी को होगा. दरअसल उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर 14 दिन के लिए अभियान की अवधि बढ़ाने का आग्रह किया था.चुनाव आयोग ने उनकी मांग मानते हुए एसआईआर की समय सीमा 15 दिन के लिए बढ़ा दी थी. चुनाव आयोग के मुताबिक एसआईआर का उद्देश्य मतदाता सूची को शुद्ध बनाना है.
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