- डॉ एसटी हसन ने मुजफ्फरनगर में होटल जांच पर कड़ा एतराज जताया है
- उन्होंने सवाल किया कि क्या साधु-संतों को होटल चेक करने का अधिकार है.
- उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब वोट की राजनीति के तहत किया जा रहा है
- डॉ हसन ने कहा कि यह गतिविधियाँ समाज में तनाव बढ़ा सकती हैं.
मुजफ्फरनगर में कांवड़ मार्ग पर होटलों और ढाबों की चेकिंग को लेकर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद डॉ एसटी हसन ने कड़ा एतराज जताया है. उन्होंने स्वामी यशवीर महाराज और हिन्दू संगठनों की इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या अब साधु-संत होटल जांचेंगे? एसटी हसन ने इसे माहौल बिगाड़ने की कोशिश बताया और प्रशासन से इस पर रोक लगाने की मांग की. दरअसल कांवड़ यात्रा के दौरान मुजफ्फरनगर में कुछ होटलों और ढाबों की चेकिंग स्वामी यशवीर महाराज और हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों द्वारा की गई. इस पर पूर्व सांसद डॉ एसटी हसन भड़क गए. उन्होंने पूछा कि क्या महाराज कोई अधिकारी हैं? क्या उन्हें होटल चेक करने का अधिकार है?
डॉ हसन ने कहा कि इस तरह की गतिविधियां न केवल कानून व्यवस्था पर असर डालती हैं, बल्कि समाज में तनाव और टकराव की स्थिति भी पैदा कर सकती हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब वोट की राजनीति के तहत किया जा रहा है, जो देश के सौहार्द को नुकसान पहुंचा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि दुकान पर नाम की प्लेट किस भाषा में हो, ये तय करना प्रशासन का काम है, न कि किसी संगठन का. भारत एक साझा संस्कृति वाला देश है जहां हर धर्म के लोग एक-दूसरे से सामान खरीदते-बेचते हैं.
देश की एकता पर पड़ेगा असर
डॉ हसन ने साफ कहा कि “इस तरह की गतिविधियों से दो समुदायों के बीच दूरी बढ़ेगी और देश की एकता पर असर पड़ेगा. प्रशासन को चाहिए कि ऐसे लोगों पर तुरंत रोक लगाए और सौहार्द का माहौल बनाए रखे.”
कांवड़ यात्रा की शुरुआत 22 जुलाई से होने जा रही है. यात्रा शुरू होने से पहले पुलिस ने कांवड़ रूट पर पड़ने वाले सभी दुकानदारों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं. कांवड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले सभी दुकानदारों को अपनी दुकानों पर मालिक और यहां काम करने वाले लोगों का नाम लिखना अनिवार्य है.
रिपोर्ट:-मिर्ज़ा ग़ालिब