जेपी नारायण से मोहन भागवत तक... लोहिया की पुण्यतिथि पर अखिलेश ने बीजेपी को फिर घेरा

संघ प्रमुख के बयान पर अखिलेश (Akhilesh Yadav On RSS Chief) ने कहा कि कौन क्या कह रहा है, यह महत्वपूर्ण नहीं है.जब भारत को अपनी विदेश नीति के तहत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बांग्लादेश की रक्षा करनी चाहिए थी, तब ये लोग कहां थे?

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लखनऊ:

राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि के मौक़े पर लखनऊ के लोहिया पार्क में उनकी प्रतिमा पर श्रद्धांजलि देने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav On Lohia Death Anniversary) ने एक बार फिर से बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने मोहन भागवत के बयान से लेकर, शुक्रवार को लखनऊ में जेपी नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण से रोके जाने तक के मुद्दे को उठाया और सरकार को जमकर घेरा. अखिलेश इस दौरान संघ प्रमुख को निशाने पर लेने से भी नहीं चूके. 

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शुक्रवार को लखनऊ में जनकर बवाल हुआ था. अखिलेश यादव को सुरक्षा कारणों से जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआईसी) नहीं जाने देने दिया गया था. वह वहां जाने की कोशिश में थे, उनके आवास के बाहर सुबह से ही सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ता एकत्र थे. जिसके बाद उनके घर के बाहर सुरक्षा सख्त कर दी गई थी. इस मुद्दे पर गुरुवार रात से ही जमकर बवाल हुआ, जो शुक्रवार को दिन भर जारी रहा. आज लोहिया की पुण्यतिथि पर अखिलेश ने एक बार फिर से बीजेपी को निशआने पर लिया है.

सरकार को कल जैसा व्यवहार नहीं करना चाहिए था

जयप्रकाश जी ने सम्पूर्ण क्रांति का आह्वान किया था,  सरकार को कल जैसा व्यवहार नहीं करना चाहिए था. यह कहना कि आप नहीं जा सकते क्योंकि जानवर हैं, तो जानवर तो हर जगह हैं, हर सड़क पर हैं, तो क्या हम भी सड़क पर नहीं चल सकते? यह सिर्फ समाजवादियों की कमी है, बीजेपी का विकास उसके सामने फीका है. जेपीएनआईसी आज भी सबसे आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर लगता है, ये विध्वंसक लोग हैं. ये जातिवादी लोग हैं. हत्याओं को संतुलित करने के लिए ये एक के बाद एक हत्या करवाते रहते हैं.

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'नफरत फैलाना और भेदभाव करना चाहते हैं'

बीजेपी पर हमलावर अखिलेश यादव ने कहा कि यह देश सबका है. संविधान सबको अधिकार देता है, लेकिन ये लोग सब कुछ पलटना चाहते है.  ये वो लोग हैं जो नफरत फैलाना चाहते हैं, भेदभाव करना चाहते हैं, जातियों को आपस में लड़ाकर राज करना चाहते हैं. लेकिन देश को यह एहसास हो रहा है कि बीजेपी की भेदभाव की राजनीति काम नहीं आने वाली.

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' ये देश सबका है, मुस्लिमों का भी'

संघ प्रमुख के बयान पर अखिलेश ने कहा कि कौन क्या कह रहा है, यह महत्वपूर्ण नहीं है.जब भारत को अपनी विदेश नीति के तहत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बांग्लादेश की रक्षा करनी चाहिए थी, तब ये लोग कहां थे? मुझे कुछ नहीं कहना है. यह देश सबका है.आजादी के बाद जब देश बना, तो सब साथ थे, मुसलमान भी साथ थे.मुसलमानों ने भी कुर्बानियां दी हैं. संविधान के अनुसार हमें सबको बराबर समझना होगा.मोहन भागवत के जब पत्थर फेंके जाएं तो कमजोरों के साथ खड़ा होना चाहिए वाले बयान पर अखिलेश ने कहा कि यह सच है कि कमजोरों के साथ खड़ा होना चाहिए.

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पेपर लीक का रिकॉर्ड रेल दुर्घटनाओं ने तोड़ा

अखिलेश यादव ने कहा कि रेल मंत्रालय पर पहले भी कई सवाल उठ चुके हैं. उन्होंने कहा था कि वे रेलवे में सुधार लाएंगे और दुर्घटनाओं को भी कम करेंगे. उन्होंने कुछ सुधार लाने की कोशिश की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. अगर पेपर लीक का कोई रिकॉर्ड टूटा है, तो वह रेल दुर्घटनाएं हैं. ओवैसी के बयान पर अखिलेश बोले कि ये बातें पहले जो इंडिया ब्लॉक बना था उसमें भी आई थीं. जो गठबंधन है वो रहेगा.

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