समायोजन रद्द होने के बाद यूपी के फिरोजाबाद में शिक्षा मित्र ने लगाई फांसी

सत्य प्रकाश के परिजनों ने बताया कि समायोजन रद्द होने के बाद से ही सत्यपकाश डिप्रेसन में थे. दो दिन से खाना भी नहीं खाया था और अब उन्होंने कमरे में फांसी से लटककर लगा ली है.

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यूपी के नाराज शिक्षामित्र प्रदर्शन कर रहे हैं. (फाइल फोटो)
फिरोजाबाद: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यूपी के डेढ़ लाख शिक्षामित्रों की उम्मीदें धराशायी हो गईं. इसी के बाद समायोजन रद्द होने का दंश झेल रहे फ़िरोज़ाबाद के एक शिक्षा मित्र सत्य प्रकाश यादव (42) ने फांसी लगाकर अपने घर में आत्महत्या कर ली. सत्य प्रकाश के परिजनों ने बताया कि समायोजन रद्द होने के बाद से ही सत्यपकाश डिप्रेसन में थे. दो दिन से खाना भी नहीं खाया था और अब उन्होंने कमरे में फांसी से लटककर लगा ली है.

पुलिस अधीक्षक ग्रामीण ने कहा कि थाना फरिहा इलाके में एक शिक्षा मित्र ने फांसी लगा ली है. शव को पोस्ट मार्टम करा कर जांच की जाएगी कि मृत्यु का कारण क्या है. 

उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि शिक्षामित्रों को अपमानित किया गया, उनके साथ अन्याय हुआ है, कई जानें गई हैं, जिन शिक्षा मित्रों की जान गई है उनके आश्रितों को 50 लाख रुपये देने चाहिए. नोटबंदी के बहाने भाजपा सरकार ने बैंकों में जनता की गाढ़ी कमाई जमा करा दी लेकिन खाता धारकों को कुछ नहीं मिला है.

उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी सामाजिक सौहार्द और जातीय सद्भाव में विश्वास करती है. उन्होंने कहा कि हमारी ईश्वर में आस्था है लेकिन प्रचार में नहीं. तरक्की में भारत दुनिया से पिछड़ गया है. शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो तरक्की होनी थी नहीं हुई. उन्होंने कहा भाजपा से हमारी लड़ाई इस बात की है कि कौन कितनी तेजी से विकास करता है. विकास कार्य हर हाल में जारी रहने चाहिए.


भाजपा सरकार को विकास की तरफ एक कदम तो बढ़ाना चाहिए. जबकि समाजवादी सरकार ने विकास का बुनियादी ढ़ांचा तैयार किया था.
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