एसआईआर की प्रक्रिया का विरोध, देखें सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कैसे भरा फार्म

समाजवादी पार्टी और उसके प्रमुख अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में चल रहे एसआईआर को लेकर चुनाव आयोग और बीजेपी पर हमलावर हैं. इस बीच गुरुवार को अखिलेश यादव ने अपना एसआईआर फार्म भरा. इसकी सूचना उन्होंने एक्स पर दी.

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नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश समेत देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित राज्यों में मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का काम इन दिनों जोर-शोर से चल रहा है. इन राज्यों में एसआईआर काम चार नबंवर को शुरू हुआ था. इसी क्रम में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को एसआईआईर का गणना फार्म भरा. इसकी जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दी है. उन्होंने लोगों से अपना-अपना एसआईआर फार्म भरने की अपील की है. 

अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा है, ''सब अपना-अपना SIR कराएं, कुछ भी समस्या या गड़बड़ी दिखाई दे तो हमें सूचित करें.'' अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में जारी एसआईआर का विरोध कर रही है. उसका आरोप है कि इसके जरिए बीजेपी विरोधी दलों के समर्थक लोगों के नाम वोटर लिस्ट से कटवा रही है. 

सपा कर रही है एसआईआर का विरोध

सपा प्रमुख ने बुधवार को लखनऊ में एक्टर फरहान अख्तर के साथ फिल्म '120 बहादुर' देखने के बाद भी एसआईआर पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि उत्तर प्रदेश में चुनाव आयोग के साथ बीजेपी तीन करोड़ मतदाताओं को नाम काटने की तैयारी में हैं. इनके एसआईआर को अपने ढंग से करवाने के दबाव में बीएलओ की जान जा रही है. उन्होंने कहा कि इनकी सरकार में ना सोशलिस्ट बचे हैं ना सेक्युलरिज्म बचा है.

इससे पहले मंगलवार को समाजवादी पार्टी ने नौ दिसंबर को तय मतदाता सूची के प्रकाशन की तिथि तीन माह के लिए बढ़ाने की मांग की थी.सपा ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन सौंपा था. ज्ञापन में कहा गया है कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के अनुसार प्रदेश में एसआईआर प्रक्रिया में ऐसे मतदाता का नाम जिनका 2003 की मतदाता सूची में है और उनके माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी का नाम है, उन्होंने गणना फॉर्म भरकर बीएलओ को दे दिया है, उसके द्वारा ऐसे मतदाताओं को फर्स्ट ऑप्शन व सेकेंड ऑप्शन में कर बल्कि थर्ड ऑप्शन में सबमिट किया जा रहा है. सपा ने ऐसे सभी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.

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