समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर उत्तर प्रदेश सरकार की भर्तियों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को संवैधानिक रूप से अनिवार्य आरक्षण नहीं देने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि पिछले पांच सालों में आरक्षित श्रेणियों के पदों की बड़े पैमाने पर लूट की गई है.
अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर क्या आरोप लगाए हैं
यादव ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि बीजेपी संविधान के तहत ओबीसी के लिए निर्धारित 27 प्रतिशत आरक्षण में से लगभग एक-तिहाई हिस्से को खारिज कर रही है.इससे उसका संविधान और आरक्षण विरोधी चेहरा उजागर हो रहा है. उन्होंने पोस्ट के साथ एक चार्ट भी साझा किया और कहा,''पिछले पांच साल में हुई सभी भर्तियों में पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) वर्ग के पदों की लूट हुई है. ये पिछली चार भर्तियों का लेखा-जोखा है. इन सभी भर्तियों में 30 हजार से अधिक पीडीए पदों की लूट हुई. चोरी पकड़े जाने के बाद सरकार ने तथाकथित समिति गठित की, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, केवल मीडिया मैनेजमेंट हुआ.''
अखिलेश यादव ने सरकार से सवाल किया,''क्या ये पीडीए विरोधी सरकार बताएगी कि वह आखिरकार कब तक ओबीसी, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण की लूट करती रहेगी? आरक्षण का हक मारने के लिए 'नॉट फाउंड सूटेबल' जैसे गैरकानूनी फार्मूले को अब अदालत में चुनौती देने का समय आ गया है.'' उन्होंने आरोप लगाया, ''दरअसल बीजेपी के एजेंडे में नौकरी है ही नहीं और पीडीए समाज के लिए तो बिल्कुल भी नहीं है. बीजेपी जाए तो नौकरी-भर्ती आए.''
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