अयोध्या में सरयू नदी के किनारे कुरान पढ़ने पर रोक, कट्टर हिंदू संगठन धर्म सेना का विरोध

आरएसएस के अल्पसंख्यक संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच को आज एक कट्टर हिंदुत्ववादी संगठन धर्म सेना ने सरयू के किनारे क़ुरान नहीं पढ़ने दिया.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने अयोध्या में सरयू नदी के किनारे नमाज पढ़ने का किया था ऐलान.
लखनऊ:

आरएसएस के अल्पसंख्यक संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच को आज एक कट्टर हिंदुत्ववादी संगठन धर्म सेना ने सरयू के किनारे क़ुरान नहीं पढ़ने दिया. मंच ने एलान किया था कि संगठन से जुड़े डेढ़ हज़ार मुसलमान सामाजिक सद्भाव के लिए सरयू के पानी से वज़ू करके वहां कुरान पाठ करेंगे. इसका विरोध करने वालों ने कहा कि अयोध्या और सरयू पवित्र स्थान हैं जहां मुसलमानों को कुरान पढ़ने की इजाजत नहीं दी जा सकती.

बता दें कि आज सरयू के तट पर पुलिस का पहरा था. घाट बैरियर लगाकर बंद कर दिये गए थे. आरएसएस के संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने वहां सामाजिक सद्भाव के लिए कुरान पढ़ने का ऐलान किया था, लेकिन कुछ संगठनों ने सरयू किनारे कुरान पढ़ने का विरोध किया.

एक साधु राजू दास ने कहा, देखिये ऐसा है कि जैसे मुसलमान भाईये के लिए मक्का, मदीना पवित्र स्थल है, उससे भी कहीं बढ़कर सनातन धर्म प्रेमियों के लिए अयोध्या पुण्य क्षेत्र है. धर्म स्थली है. ऐसी जगह पर अयोध्या में मां सरयू जो पवन पावन है. हम लोग माता के रूप में हमलोग मानते हैं, वजू करने का और वहां पर कुरान पढ़ने का, वहां पर आयतें पढ़ने का, कोई फतवा जारी करने का जगह नहीं है. 

सरयू से भगाई जाने पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने एक मजार पर कुरान पाठ किया. मंच के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अल्पसंख्यक कल्याण और वक्फ के मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण थे. उन्होंने यह तो कहा कि मंच का कार्यक्रम मेलजोल के लिए था, लेकिन विरोध करने वालों पर उन्होंने भी बोलने से परहेज किया. 

VIDEO :  सरयू किनारे कुरान पढ़ने पर रोक

चौधरी लक्ष्मी नारायण ने कहा, 'अमन चैन की दुआ करने का सबको अधिकार है. ये अमन चैन और भाईचारे के लिए यहां हिंदू भी हैं, मुस्लिम भी हैं, संत भी हैं...फकीर भी हैं. सब दुआ कर रहे हैं. इसमें विरोध की कोई बात थी नहीं. अयोध्या में पहले से मुस्लिम भाई भी रह रहे हैं, हिंदू भी रह रहे हैं. पहले से मस्जिद भी बनी हुई है, मंदिर भी बने हुए हैं.'

Featured Video Of The Day
Loud & Clear Message To Pak, End Of Terror Groups Like Jem And Let
Topics mentioned in this article