देश में डिजिटल अरेस्ट के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. डिजिटल अरेस्ट के चंगुल में फंसने की वजह से लोगों को तगड़ी चपत लगने का सिलसिला अभी भी थम नहीं रहा है. मेरठ में जहां कुछ दिनों पहले महिला साइंटिस्ट को डिजिटल अरेस्ट कर ठगा गया था. अब एक रिटायर्ड महिला टीचर के साथ साइबर ठगी का मामला सामने आया है. ठगों ने रिटायर्ड महिला टीचर को 9 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रख कर कई बैंक की FD तक तुड़वाकर 9 लाख से ज्यादा की रकम ठग ली.
रिटायर्ड महिला टीचर कैसे हुई डिजिटल अरेस्ट
मेरठ की एक रिटायर्ड महिला अध्यापिका अंजू रानी ने साइबर क्राइम थाने में FIR दर्ज करवाई है कि 29 नवंबर को उसके मोबाइल पर किसी अज्ञात नंबर से कॉल आई. कॉलर ने खुद को TRAI का अधिकारी बताते हुए कहा कि उनका सिम मनी लॉन्ड्रिंग के क्राइम में इस्तेमाल हुआ है. उसके बाद वीडियो कॉल पर कई लोगों ने अंजू रानी से पुलिस अधिकारी बन कर बात की और उन्हें गिरफ्तार किए जाने की धमकी दी.
FD ब्रेक कर ठगों के खातों में किया पैसा ट्रांसफर
गिरफ्तार किए जाने की धमकी से अंजू रानी घबरा गई, और जैसे-जैसे साइबर ठग उन्हें कहते गए वो करती गई. अंजू रानी को 9 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर निगरानी में रखा गया. इस दौरान अपराधियों के निर्देशों का पालन करते हुए उन्होंने किसी व्यक्ति को इस बाबत जानकारी नहीं दी. एक एक दिन जाकर अलग अलग बैंक की दो FD ब्रेक की और पोस्ट ऑफिस से पैसा निकाला. सारा पैसा किस्तों में अपराधियों के बताए गए अकाउंट में ट्रांसफर करती रही.
9 दिन में लगभग 9.07 लाख रुपए महिला से ठगे
अंजू रानी ने 9 दिन में लगभग 9.07 लाख रुपए साइबर ठगो के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए. बाद में जब समझ आया कि उनके साथ ठगी हो गई है, तब मेरठ के साइबर क्राइम थाने में FIR दर्ज करवाई है. ये ऐसा पहला मामला नहीं है, जब कोई डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुआ हो. इससे पहले भी देशभर में कई लोग डिजिटल अरेस्ट के जाल में फंसकर करोड़ों रुपये गंवा चुके हैं.