उत्तर प्रदेश में बुधवार को अचानक मौसम बदल गया, तेज आंधी के बाद बारिश और ओले पड़ने लगे. नोएडा, गाजियाबाद, मथुरा, मेरठ, संभल, अमरोहा, हापुड़, आगरा समेत कई जिलों में बारिश हुई और ओले गिरे. इस दौरान अलग-अलग हादसे में 7 लोगों की मौत की खबर है. मरने वालों में एक सिपाही भी शामिल है. मेरठ में आंधी बहुत तेज थी. शहर के कई जगहों पर पेड़, होर्डिंग और बिजली के खंभे गिर गए. मेरठ के नौचंदी मेले में जलभराव हो गया, झूले गिर गए. लिसाड़ी गेट क्षेत्र में कच्चा मकान ढह गया और परिवार के कई सदस्य घायल हुए.
मेरठ में ही बाइक सवार पिता-पुत्र पर पेड़ आकर गिर गया, जिसमें पिता की मौत हो गई. बिजनौर में अफजलगढ़ थाने में तैनात हेड कॉन्स्टेबल पुष्पेंद्र कुमार की बाइक सड़क पर गिरे पेड़ से टकरा गई, इससे उनकी मौत हो गई. आगरा से लेकर नोएडा तक आंधी और बारिश का कहर देखने को मिला. सीएम योगी ने प्रभावित इलाक़ों में राहत और बचाव के आदेश दिए हैं.
सीएम योगी ने कहा कि अधिकारी तत्काल क्षेत्र का भ्रमण करें और प्रभावित इलाकों में सर्वेक्षण कर स्थिति का आकलन करें. उन्होंने आकाशीय बिजली, आंधी-तूफान और बारिश जैसी प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली जनहानि और पशुहानि की स्थिति में प्रभावितों को तुरंत राहत राशि वितरित करने के निर्देश दिए. साथ ही, घायलों के समुचित उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करने पर जोर दिया.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने फसलों को हुए नुकसान के आकलन के लिए भी स्पष्ट निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि अधिकारी फसल नुकसान का सर्वे कराकर विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेजें, ताकि इस संबंध में आगे की कार्रवाई की जा सके. उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि जलजमाव की स्थिति में प्राथमिकता के आधार पर जल निकासी की व्यवस्था की जाए, ताकि जनजीवन और खेती पर प्रतिकूल प्रभाव को कम किया जा सके.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि राहत कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल राहत पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता है और इसमें कोई कोताही नहीं होनी चाहिए. प्रभावित परिवारों को समय पर आर्थिक सहायता और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, ताकि वे इस आपदा के प्रभाव से जल्द उबर सकें.
इसके साथ ही, उन्होंने स्थानीय प्रशासन को प्रभावित क्षेत्रों में निरंतर निगरानी रखने और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए. जलजमाव की समस्या से निपटने के लिए नगर निगम और संबंधित विभागों को तत्काल जल निकासी की व्यवस्था करने को कहा गया है.