ये ना हो कि... संभल में नई पुलिस चौकी को लेकर मुस्लिम समुदाय ने आखिर ऐसा क्यों कहा?

फिरोज खान, पूर्व ज़िलाध्यक्ष सपा ने कहा कि संभल में पुलिस चौकी किसी एक वर्ग का नहीं होना चाहिए. उसका जो नाम है उसे भी लोगों से बैठकर सामांजस के साथ तय होना चाहिए.

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संभल:

संभल की जामा मस्जिद के पास नई पुलिस चौकी बनाए जाने का मामला तुल पकड़ता दिख रहा है. इस मामले में अब वहां रह रहे मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी अपना रुख साफ कर दिया है. मुस्लिम समुदाय का कहना है कि पुलिस चौकी को सबकी सहमति से बनाया जाना चाहिए. ये ना हो कि एक वर्ग की बातों को सुना ही ना जाए.

संभल में बन रही नई पुलिस चौकी को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने संभल की जामा मस्जिद के पास बन रही इस नई चौकी का यह कहते हुए विरोध किया है कि ये चौकी वक्फ बोर्ड की जमीन पर बनाई जा रही है. साथ ही ओवैसी ने कहा कि संरक्षित स्मारकों के पास कोई निर्माण कार्य नहीं हो सकता है.

फिरोज खान पूर्व ज़िलाध्यक्ष सपा ने कहा कि पुलिस चौकी किसी एक वर्ग का नहीं होना चाहिए. उसका जो नाम है उसे भी लोगों से बैठकर सामांजस के साथ तय होना चाहिए. हम चाहते हैं कि जब पुलिस चौकी का उद्घाटन हो तो सभी लोग उसमें शामिल हों, जहां तक बात पुलिस चौकी के निर्माण की है तो देखना चाहिए कि ये जमीन किसकी है, अगर सरकारी ज़मीन नहीं है तो उसको प्रशासन को देखना चाहिए.

मौलाना फैजान अशरफ ने कहा कि संभल को किसी की नजर लग गई है. कुछ लोगों के चलते संभल का अमन चैन खराब हुआ है. लेकिन सौहार्द पूर्ण माहौल है. हिन्दू-मुसलमान मिलकर रहते हैं.  चौकी अगर मस्जिद की सुरक्षा के लिए है तो ठीक है. हमें कोई एतराज नहीं है. बस उसकी जमीन पर जो विवाद है उसे प्रशासन को देखना चाहिए.

वहीं, डीएम राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि हमारे पास कोई कागज लेकर नहीं आया, जो पुलिस चौकी का निर्माण किया जा रहा है वो नगर पालिका की जमीन पर है. जमीन नगर पालिका की संपत्ति के रूप में दर्ज है. इस जमीन को लेकर अभी तक कोई प्रभावी पक्षकार सामने नहीं आया है. सत्यव्रत पुलिस चौकी की जमीन वक्फ की संपत्ति नहीं है.

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