ऑक्सीजन एक्सप्रेस आज सुबह बोकारो से लखनऊ पहुंच गई. इसमें तीन टैंकर लिक्विड ऑक्सीजन है जिसमें 51 मीट्रिक टन ऑक्सीजन है. जिसमें से एक टैंकर वाराणसी में और दो लखनऊ में उतारे गए. इस तरह 17 मीट्रिक टन ऑक्सीजन वाराणसी में और 34 मीट्रिक टन लखनऊ पहुंचा है. इसका ऑक्सीजन लखनऊ और पड़ोसी ज़िले बाराबंकी के सात ऑक्सीजन प्लांट्स को सप्लाई किया जाएगा. यह आर्मी के टैंक ढोने वाली विशेष ट्रेन है जो भटिंडा से मंगवाई गयी है.
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रेलवे को ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाने के लिए यूपी सरकार ने 20 करोड़ रुपये दिए हैं. कई तरह के टैंकर्स को इसपे लोड कर के उन्हें चलाने की टेस्टिंग कर के ऑक्सीजन स्पेशल बनाई गई है. लखनऊ के डी आर एम संजय त्रिपाठी ने NDTV को बताया कि इस ट्रेन की रफ्तार 65 किलोमीटर प्रति किलोमीटर लेकिन चूंकि रेलवे इन्हें ग्रीन कॉरिडोर बना कर लाया है,इसलिए यह तेज़ रफ़्तार से यहां पहुंची है. आज लखनऊ से ऑक्सीजन एक्सप्रेस-2 भी बोकारो रवाना की गई है. इस पर 4 टैंकर रवाना हुए हैं. आज दोपहर में ऑक्सीजन एक्सप्रेस-3 भी रावाना की जा रही है.
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ऑक्सीजन एक्सप्रेस 3 पर तीन टैंकर सवार हैं।ऑक्सीजन एक्सप्रेस को बोकारो से लखनऊ के सफर तय करने में 48 घंटे लग रहे हैं।इन दो ऑक्सीजन एक्सप्रेस के आ जाने पर वाराणसी और लखनऊ को 119 मीट्रिक टन ऑक्सीजन और मिल जाएगी. यूपी में इस वक़्त कोरोना के 273653 मरीज़ हैं. इसमें सबसे बुरी हालत लखनऊ की है जहां क़रीब 55 हज़ार कोरोना के मरीज़ हैं, इस वजह से ऑक्सीजन की भारी किल्लत है।और तमाम मरीज़ ऑक्सीजन न मिलने की वजह से दम तोड़ चुके हैं. तमाम प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन की बहुत कम सप्लाई है और लगातार अस्पताल के लोग सरकार से ऑक्सीजन के लिए गुहार कर रहे हैं.