पाकिस्तानियों को वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद सीसीएस यानी कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने पाकिस्तान के खिलाफ कुछ बड़े फैसले किए थे. इसमें से एक फैसले में यह तय किया गया कि जो पाकिस्तानी, हिंदुस्तान में रह रहे हैं उन सबको वापस भेजा जाए. केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से सारे वीजा रद्द करने के आदेश भी आ गए हैं. बताया गया है कि केंद्रीय गृह मंत्री ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत की. इस दौरान अमित शाह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहा है कि भारत में आए पाकिस्तानियों की पहचान कराकर उन्हें वापस पाकिस्तान भेजने की प्रक्रिया शुरू करें.
गुरुवार देर रात यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के घर पर ही सरकार के गृह विभाग की एक बड़ी बैठक हुई थी. इस बैठक में इस पर लंबी चर्चा हुई कि उत्तर प्रदेश के जितने भी जिले हैं, उनमें पाकिस्तान से लॉग टर्म या शॉर्ट टर्म वीजा पर जो लोग आए हैं, उन्हें पाकिस्तान भेजने की कार्यवाही शुरू की जाए.
पाकिस्तानियों को वापस भेजने का काम है जारी
पाकिस्तान से भारत आए नागरिकों को चिह्नित करके प्रशासन वापस भेज रहा है. आगरा में विजिटर वीजा पर आए 9 पाकिस्तानी नागरिक चिह्नित किए गए. इनमें से दो पाक नागरिकों को वापस भेज दिया गया है. बाकी बचे सात पाकिस्तानी नागरिक आज या कल पाकिस्तान रवाना हो जाएंगे. पाकिस्तान से लॉन्ग टर्म वीजा पर भारत आए पाकिस्तानी नागरिकों की संख्या 43 है. इन्हें भी प्रशासन ने चिह्नित कर लिया है. लॉन्ग टर्म वीजा के नियमों के हिसाब से इन पर भी कार्रवाई हो सकती है.
1500 पाकिस्तानी लोगों की पहचान
जानकारी के मुताबिक, मेरठ, सहारनपुर और आगरा से पाकिस्तानियों को वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. कुछ लोगों को वापस भेज भी दिया है. उत्तर प्रदेश के करीब 1500 पाकिस्तानी लोगों की पहचान की गई है.
उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि अभी तक यह साफ नहीं है कि पाकिस्तानी हिंदू यहां पर आए हैं, उनका क्या किया जाए. यही कारण है कि अभी पाकिस्तानी मुस्लिमों को भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. सभी जिलों के एसपी और पुलिस कमिश्नरों को इस बारे में निर्देश जारी किए गए हैं.
कहां, कितने पाकिस्तानियों की पहचान?
बरेली
35
रामपुर
30
बुलंदशहर
18
वाराणसी
10
ऐसे लगता है विदेशी नागरिकों की संख्या का पता
उत्तर प्रदेश के डीजीपी रह चुके एके जैन ने एक सवाल के जवाब में बताया कि कैसे एक जिले में विदेशी नागरिकों की संख्या का पता लगाया जाता है. उन्होंने कहा कि जिले का एसपी या एसएसपी या पुलिस कमिश्नर के डेजिग्नेटेड ऑफिसर होते हैं, वो एफआरओ यानी फॉरेनर्स रजिस्ट्रेशन ऑफिसर का कार्य करते हैं. जिले में जो भी पाकिस्तानी व्यक्ति आता है, उसे 24 घंटे में जनपद में आने की सूचना देनी होगी. साथ ही जनपद में निवास स्थान का पता और वीजा कब तक वैध है, जैसी जानकारियां देनी होगी. साथ ही उसे यदि वीजा बढ़वाना हो या कोई मेडिकल कंडिशन हो तो इसके लिए उसे आवेदन करना होगा.
साथ ही जैन ने बताया कि होटल-धर्मशालओं को भी निर्देश है कि यदि कोई भी विदेशी आकर के रुकता है तो वह एलआईयू और स्थानीय पुलिस के साथ उसकी जानकारी देते हैं. इसलिए यह जानकारी पहले से ही प्रशासन के पास रहती है.
भारत तो आए लेकिन पाकिस्तान वापस नहीं लौटे
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि बहुत से ऐसे पाकिस्तानी भी हैं, जो भारत आए तो सही लेकिन वापस पाकिस्तान नहीं लौटे. उन्होंने कहा कि बहुत से ऐसे पाकिस्तानी हैं जो क्रिकेट मैच के लिए आए और वापस नहीं लौटे. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों पर भी निगाह रखी जाती है और समय-समय पर रेड भी की जाती है.
साथ ही जैन ने बताया कि कुछ लोग वीजा पर भारत आते हैं, लेकिन फिर उनके बारे में पता ही नहीं चलता है. जैन ने कहा कि ऐसे लोग बड़ी चुनौती हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा शक रहता है कि इनमें से कई जासूस हैं और अवैधानिक गतिविधियों में लिप्त हैं. उन्होंने बताया कि यह लोग कहां पर छिपे हैं और किस जगह पर छुपे हुए हैं. इनकी कहां पर रिश्तेदारियां है और उन्हें भी खंगाला जाता है.
मरहम का काम करेगा सरकार का निर्णय : जैन
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार का यह निर्णय पहलगाम के पीड़ितों के लिए मरहम का काम करेगा. इस वक्त कोई भी कॉम्प्रोमाइज के मूड में नहीं है. बीच-बीच मं पाकिस्तान को जिस तरह के कंसेशन दिए गए हैं, उससे परेशानी खड़ी होती है.